NEWS : ट्रैन में अकेली बैठी दिखी बालिका, तो चैकिंग स्टॉफ ने दिखाई गंभीरता, लिया ये बड़ा एक्शन, और नाबालिग को परिवार में मिलाया, ये मामला रतलाम जिले का, पढ़े खबर

ट्रैन में अकेली बैठी दिखी बालिका

NEWS : ट्रैन में अकेली बैठी दिखी बालिका, तो चैकिंग स्टॉफ ने दिखाई गंभीरता, लिया ये बड़ा एक्शन, और नाबालिग को परिवार में मिलाया, ये मामला रतलाम जिले का, पढ़े खबर

रतलाम। उप मुख्‍य टिकट चेकिंग निरीक्षक शंकरलाल राठोर, मुख्‍यालय चित्‍तौड़गढ़ गाड़ी संख्‍या 19817 हल्दिघाटी एक्‍सप्रेस में टिकट चेकिंग का कार्य कर रहे थे। इसी दौरान शुक्रवार को जावरा से ट्रेन चलने के बाद एस- 1 में एक 12 वर्षीय एक नाबालिग बालिका अकेली बैठी मिली। टिकट पुछने पर बताया कि, उसके पापा ने उसे बैठाया है और वो भी आ ही रहे हैं। चुकी ट्रेन जावरा से चल चुकी थी तो पुन: उससे पुछा तो उसके बताने का हाव-भाव काफी अलग लग रहे थे। 

उस लड़की द्वारा बात करने के तरीके को देखकर राठोर ने उसे अपने सीट के पास ही बैठाया। तथा पुन: उससे उसके माता-पिता के बारे में पूछा तो बताया कि मुझे अपनी माता-पिता के पास नहीं जाना तथा उनका संपर्क नम्‍बर भी नहीं बताया। राठोर ने परिस्थिति को समझकर इसकी सूचना वाणिज्‍य कंट्रोल को दी तथा मंदसौर रेलवे स्‍टेशन पर उक्‍त लड़की को आगे की कार्यवाही के लिए रेलवे सुरक्षा बल को सुपुर्द कर दिया।

चेकिंग स्‍टाफ की तत्‍परता एवं सतर्कता के कारण ही ना‍बालिग बच्‍ची को परिवार से बिछड़ने से बचाया जा सका। चेकिंग स्‍टाफ न केवल टिकट चेकिंग से संबंधित कार्यों का कुशलता पूर्वक निष्‍पादन करते हैं, बल्कि इस प्रकार के परिस्थितियों पर भी विशेष ध्‍यान रखते हैं। इस प्रकार की घटनाएं इस बात का प्रमाण है कि हमारे टिकट चेकिंग स्‍टाफ न केवल अपने कार्य के प्रति दृढृसंकल्पित हैं बल्कि सामाजिक दायित्‍वों के निर्वहण में भी काफी अग्रणी हैं।