BIG NEWS: ह्रदयघात से मां का निधन, दो बेटियों ने निभाया बेटे का फर्ज, अर्थी को दिया कांधा, फिर दी मुखाग्नी, मामला- रतलाम का, पढ़े ये खबर

ह्रदयघात से मां का निधन, दो बेटियों ने निभाया बेटे का फर्ज, अर्थी को दिया कांधा, फिर दी मुखाग्नी, मामला- रतलाम का, पढ़े ये खबर

BIG NEWS: ह्रदयघात से मां का निधन, दो बेटियों ने निभाया बेटे का फर्ज, अर्थी को दिया कांधा, फिर दी मुखाग्नी, मामला- रतलाम का, पढ़े ये खबर

रतलाम। दो बेटियों ने एक बार फिर समाज में बेटी के महत्व को प्रतिपादित किया। रतलाम के रेल मंडल प्रबंधक कार्यालय में कार्यरत मीरा मीणा का ह्रदयघात से निधन हो गया। श्रीमती मीरा के केवल दो बेटियां ही है। बेटा कोई नही है। श्रीमती मीरा के पति प्रकाश मीणा की वर्ष 2003 में मृत्यु हो चुकी थी। जब दोनों बेटियां बहुत छोटी थी। पति की जगह उनको नोकरी मिली। रतलाम में अकेले रहकर दोनो बच्चियों को पालण पोषण कर बड़ा किया। पढ़ाया लिखाया, ओर समाज मे अच्छी जगह शादी की। दोनो बेटीया भोपाल में है। 

30 सितंबर को श्रीमती मीणा सुबह ड्यूटी पर डीआरएम आफिस गयी। दोपहर में भोजन अवकाश में वापस  घर आई, तो उनकी तबियत कुछ ठीक नही लगी। वह भोजनावकाश के बाद वापस आफिस नही गयी। स्वास्थ ठीक नही होने की सूचना कर दी। अचानक  शाम को उनको ह्रदयाघात हो गया। जिस पर उन्हें पहले रतलाम हॉस्पिटल  में इलाज हेतु भर्ती कराया। उनकी बेटियों को भोपाल सूचित किया। सूचना मिलने पर दोनो बेटियां अपने पतियों के साथ रतलाम आई। 

यहां से बेटियां और दामाद उन्हें इंदौर इलाज के लिए ले गए। जहां उनको दूसरा ह्रदयघात आने से स्वास्थ्य और बिगड़ गया, और उनकी रविवार की रात मौत हो गयी। हालांकि उनके साथ उनके रिश्तेदार भी इंदौर साथ मे थे।  वह अपनी मां के शव को लेकर रात को ही रतलाम आई। यहां सुबह उन्होंने अपनी मां के अन्तिम संस्कार किया। बकायदा मां की अर्थी को कांधा दिया। अंतिम यात्रा में दोनो बेटियां मुक्तिधाम भी पहुची। जहां उन्होंने अपनी मां की चिता मुखाग्नी देकर बेटे होने का फर्ज निभाया।