NEWS : 22 साल से सरकार में बैठे विधायक, गरीबों के लिए कॉलोनी काटने की अब याद आई...! पीएम आवास हेंडओवर करने का मामला अटका, कांग्रेस नेता तरूण बाहेती ने कसा तंज, पढ़े खबर
22 साल से सरकार में बैठे विधायक

नीमच। आखिरकार सत्ता में आने के 22 वर्ष बाद अब नीमच विधायक दिलीपसिंह परिहार को गरीबों की याद आई हैं। रविवार को विधायक ने एक कार्यक्रम में नपाध्यक्ष स्वाति चौपड़ा को खुले मंच से नसीहत दी थी कि नपा की जमीनों की आधिपत्य में लेकर गरीबों के लिए कॉलोनी काटे। सार्वजनिक रूप से दिए गए विधायक के इस भाषण को लेकर कांग्रेस नेता व जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती ने तंज करते हुए कहा की वें पिछले कई वर्षों से सत्ता में होने के बाद भी किसी भी वर्ग के लिए एक भी आवासीय कालोनी नहीं कटवा सकें और वहीं उन्हें अब गरीबों के लिए कॉलोनी काटने की याद आई है,जबकि इन्ही निम्न आय वालों के लियें पिछले 7 साल से नीमच में तैयार होकर रखे हुए पीएम आवास हितग्राहियों को हेंडओवर करने का मामला अधर में अटका हुआ है। आज तक उसके प्रयास क्यों नहीं किए।
कांग्रेस नेता श्री बाहेती ने मामले में कहा कि 22 सालों से सरकार में बैठे विधायक महोदय को अब जाकर शहर की गरीब जनता की चिंता हो रही है और सार्वजनिक भाषण में कह रहे हैं की नगर पालिका अध्यक्ष को निर्देशित करते हुए कह रहें हैं की शहर की गरीब जनता के लिए कॉलोनी काटे। विधायक को शहर की गरीब जनता की इतनी ही चिंता थी तो विगत 7-8 वर्षों पूर्व से नगरपालिका द्वारा निम्न आय वर्ग के लिए बनाए गए प्रधानमंत्री आवास योजना के आवास(फ्लेट)आज तक गरीबों को क्यों हैंडओवर नहीं हो पाए। आखिर विधायक ने उनके लिए क्या किया, जबकि भाजपा,सत्ता व विधायक से जुड़े लोगों ने नगरपालिका पर दबाव बनाकर उच्च आय वर्ग वाले मकानो का आवंटन करवा के साथ ही कब्जा भी प्राप्त कर लिया है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि जब पीएम आवास योजना लागू हुई थी, तब पहले चरण में गरीबों के लिए 600 आवास बनाने का ढिंढोरा पीटा गया था और हितग्राहियों से 40-40 हजार रूपए जमा भी करवा लिए थे, लेकिन परिषद बदली तो नपा के जिम्मेदारों ने ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए पीएम आवास योजना का आधा प्रोजेक्ट ही यह कहते हुए सरेंडर कर दिया कि मेडिकल कॉलेज को भूमि आवंटित करने के कारण पीएम आवास योजना का प्रोजेक्ट का पूरा करने के लिए भूमि नहीं बची है, जबकि शहर में नपा की कई भूमिया है,जहां शेष प्रोजेक्ट को स्थानांतरित कर गरीबों के आवास का सपना पूरा किया सकता था, पर इस मामले में विधायक परिहार ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई और नपा के जिम्मेदारों के लिए कुछ कहना ही बेकार है, क्योंकि उनका तो प्लान ही योजना को सरेंडर करना था, जो उन्हें कर दिया और विधायक ने आपत्ति तक नहीं लगाई।
शहर में एक नहीं अनेक कालोनियां कटनी थी-
कांग्रेस नेता बाहेती ने कहा कि शहर में एक ही नहीं बल्कि पिछले वर्षों में अनेक सरकारी कालोनियां कटनी चाहिए थी। लेकिन उचित नेतृत्व और विकास वादी सोच के अभाव में ऐसा नहीं हो पाया। विगत वर्षों में नीमच के आसपास के क्षेत्र के कई परिवार नीमच में आकर बसे जहाँ उन्हें अपना घर बनाने के लिए महंगे दामों में जमीन खरीदनी पड़ी। अगर सरकारी आवासीय कॉलोनीयाँ होती तो शहर के आम लोगों को अपना घर का सपना जल्दी पूरा होता और उन्हें शहर के बाहर दूर कालोनीयों में अपने घर नहीं बसाने पड़ते। बाहेती ने कहा की नीमच से लेकर भोपाल दिल्ली तक भाजपा की सरकार है। यहां के विधायक को अभी भी सरकारी आवासीय कॉलोनी काटने के लिए पारदर्शिता के साथ प्रयास करने चाहियें। बाहेती ने कहा की पहले से शहर के सबसे चर्चित घोटाले योजना क्र. 34 व 36 के का दंश आज तक शहर की जनता भुगत रही है और यह आज भी जनता के लिए मक्कड़जाल बना हुआ है, जिन्होने भूखंड घोटाले को अंजाम दिया था, वे भूखंडों को बेचकर निकल गए और जिन्होने भूखंड खरीदे थे, वे वैध अवैध के चक्कर में उलझ कर परेशान हो रहे हैं।
सत्ता की आपस की लड़ाई और महिलाओं की समिति के नाम जमीनों का खेल-
कांग्रेस नेता तरूण बाहेती ने कहा कि भाजपा के जनप्रतिनिधि आपस की लड़ाई में जनता की समस्याओं से ज्यादा अधिकारियों को संरक्षण देने में ज्यादा रुचि ले रहे है, उन्हें जनता से कोई सरोकार नहीं है। कांग्रेस नेता ने कहा कि अचानक विधायक गरीबों के लिए कॉलोनी काटने की मांग क्यों कर रहे हैं। सत्ता की आपस की लड़ाई में यह सब क्यों हो रहा हैं जनता को सब समझ आ रहा हैं। बाहेती ने कहा की हाल ही में पिछले दिनों सत्ता से जुड़े लोगों ने एक महिला समिति के नाम पर शास्त्री नगर के पास एक कॉलोनी काटने के भरसक प्रयास किये लेकिन ज्यादा रायता फैलने से जमीन हड़पने का यह मामला परवान नहीं चढ़ पाया। उस महिला समिति से जुड़े लोग किससे जुड़े थे एवं कौन लोग भू माफिया बन कर महिला समिति के नाम पर कॉलोनी काट कर जमीन की बंदर बांट करने वाले थे यह बात शहर में किसी से छुपी नहीं है। बाहेती ने कहा की आखिर क्यों शहर में सत्ता से जुड़े लोगो द्वारा महिला समिति एवं अन्य समितियां के माध्यम से कॉलोनी जाने का प्रयास किये जाते रहे हैं। नगर पालिका अपने दम पर सीधे आम जनता के लिए कॉलोनी क्यों नहीं काटती।