BIG NEWS: जिला अस्पताल के ट्रेनर चिकित्सक ने बुजुर्ग दंपति को पीछे से मारी टक्कर, कवरेज कर रहे मीडिया कर्मी से भी की बदतमीजी, मोबाइल छीना, और फोटो-वीडियो किए डिलीट, पढ़े खबर

और फोटो-वीडियो किए डिलीट, पढ़े खबर

BIG NEWS: जिला अस्पताल के ट्रेनर चिकित्सक ने बुजुर्ग दंपति को पीछे से मारी टक्कर, कवरेज कर रहे मीडिया कर्मी से भी की बदतमीजी, मोबाइल छीना, और फोटो-वीडियो किए डिलीट, पढ़े खबर

नीमच। जिला अस्पताल में सेवाएं दे रहे मेडिकल कॉलेज के एक ट्रेनर चिकित्सक की लापरवाही रविवार दोपहर बड़े हादसे का कारण बन गई। कैंट थाना क्षेत्र के एलआईसी रोड पर घर लौटते समय उक्त ट्रेनर चिकित्सक ने लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाते हुए एक बुजुर्ग दंपति की बाइक को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में दंपति सहित एक मासूम भी घायल हो गया, जबकि बुजुर्ग की हालत गंभीर होने पर जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था जहां से उन्हें निजी हॉस्पिटल लेजाया गया।

जानकारी के अनुसार, एलआईसी रोड पर यह हादसा उस समय हुआ जब जगदीश महावर (63) निवासी द्वारकापुरी अपनी पत्नी मंजू महावर (55) और 6 वर्षीय मासूम पौत्र वैदिक महावर पिता मनोज महावर के साथ बाइक पर सवार होकर जा रहे थे। तभी पीछे से तेज रफ्तार में आ रहे ट्रेनर चिकित्सक ने उन्हें टक्कर मार दी। टक्कर लगने से मासूम वैदिक के चेहरे व हाथ में चोट आई, मंजू महावर के हाथ और चेहरे पर चोटें आईं, जबकि जगदीश महावर का पैर फ्रैक्चर हो गया और उन्हें गंभीर हालत में निजी हॉस्पिटल भर्ती कराया गया।

इधर, हादसे की सूचना पर मौके पर मौजूद लोग घायलों को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उपचार शुरू किया गया। इसी दौरान, अस्पताल परिसर में एक और विवाद खड़ा हो गया। कवरेज करने पहुंचे एक स्थानीय मीडिया कर्मी ने घटना स्थल और घायलों की तस्वीरें व वीडियो ले रहे थे, तभी मौके पर पहुंचे एक अन्य ट्रेनर चिकित्सक ने उनसे बदतमीजी करते हुए उनका मोबाइल छीन लिया और उसमें मौजूद सभी फोटो व वीडियो डिलीट कर दिए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इस दौरान चिकित्सक ने अपमानजनक व्यवहार भी किया।

घटना के विवाद की सूचना पर कैंट थाना पुलिस की टीम,टी आई पुष्पा चौहान के नेतृत्व में मौके पर पहुंची और स्थिति को शांत कराया। पीड़ित मीडिया कर्मी ने इस पूरे घटनाक्रम की शिकायत मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. आदित्य बैराड़ को भी दी, जिस पर डीन ने मामले को दिखवाने की बात कही है।

गौरतलब है कि जिला अस्पताल में तैनात मेडिकल कॉलेज के ट्रेनर चिकित्सक प्रतिदिन वरिष्ठ चिकित्सकों की देखरेख में सेवाएं देते हैं, लेकिन स्थानीय सूत्रों के मुताबिक इनमें से कुछ चिकित्सकों का स्वभाव चिड़चिड़ा और गुस्सैल बताया जाता है। मरीजों और परिजनों से अभद्रता की शिकायतें भी पहले आ चुकी हैं। रविवार को हुआ यह हादसा और उसके बाद मीडिया कर्मी के साथ हुई बदतमीजी ने एक बार फिर इन ट्रेनर चिकित्सकों के व्यवहार पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 

नागरिकों का कहना है कि अस्पताल में सेवा देने वाले चिकित्सकों का आचरण मरीजों और आमजन के प्रति विनम्र होना चाहिए, ताकि अस्पताल का माहौल उपचार के लिए सहज और सुरक्षित बना रहे।