NEWS : अपने बच्चों के भविष्य की चिंता, बाछड़ा समुदाय की महिलाएं पहुंची कलेक्टर कार्यालय, लगाई मदद की गुहार, इनके नाम से जाति प्रमाण पत्र बनाने की मांग, पढ़े खबर
अपने बच्चों के भविष्य की चिंता

नीमच। जिले में पांच तहसील नीमच, जावद, मनासा, रामपुरा एवं जीरन है। इन सभी तहसीलों में बांछड़ा समुदाय के कुल 27 गांव है। बांछड़ा समुदाय मध्य प्रदेश बांछड़ा जाति सविधान के अनुछेद 341 के अधीन मध्य प्रदेश राज्य के लिए अधिसूचित अनुसूचित जाति की सूची में अनुक्रमांक 5 पर निम्नलिखित के तहत विनिद्र्स्टीट की गुई हैं।
सविधान (अनुसूचित जाति) आदेश 1950
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आदेश (संशोधन) अधिनियम 1976 जहा बांछड़ा समुदाय में महिलाएं और लड़कियां वेश्यावृत्ति में लिप्त हैं, यह प्रथा समुदाय में काफी समय से चली आ रही है, जो हम सेक्स वर्कर महिलाए वेश्यावृत्ति में लिप्त रही है। उस समय से जन्मे बच्चों को पिता की पहचान नहीं मिल पाने से हमे सामाजिक दरजा नहीं मिल पाता है। जिससे समुदाय में बच्चो को शिक्षा वह अन्य योजनाओं का लाभ मिल पाता है। स्कूलों में नामांकित करने के लिए स्कूलों में छात्रवती के लाभ के लिए छात्रावास में प्रवेश के लिए जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना पड़ता है। जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर उन्हें छात्रवती के लाभ के लिए एवं छात्रावास में प्रवेश का लाभ नही मिल पाता है।
लडके एवं लडकियों द्वारा किसी भीं सरकारी वेकेंसी में अनुसूचित जाति के रिक्त पद पर आवेदन करते है, तो उनके पास जाति प्रमाण पत्र नही होने के कारण उनका आवेदन सामान्य जाति में माना जाता है। जिससे हमारी कई पड़ी लिखी नई लड़कियां इस पेशे में आने को मजबूर हैं। वर्तमान में बांछड़ा समुदाय की हम यौनकर्मियों के द्वारा हमारे बच्चो के जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करते है।
जिस गाव का मोजा पटवारी हमसे सन 1959 से पिता का रिकार्ड मागते है। हम उन्हें बताते है कि हम देहव्यापार में लिप्त थी हमारे कोई पति नही है और हम अपनी जाति के सब पंचायत प्रमाण पत्र राशन कार्ड शाळा रिकार्ड सभी प्रकार के दस्तावेज प्रस्तुत करने के बावजूत भी वह पिता का रिकार्ड नही होने कारण वह माता की जाति आधार पर भी रिपोर्ट नही लिखते है। इस कारण हमारे बच्चो के जाति प्रमाण पत्र आवेदन निरस्त हो जाते है जिससे हमारे बच्चो को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
सन 2018 से 2021 तक नीमच जिले में बांछड़ा समुदाय में जो यौनकर्मियों से पैदा हुए बच्चों के जाति प्रमाण पत्र माता के नाम से जारी किये गए है, जो की आवेदन में सल्गन है। साथ विधायक ने नीमच अनुविभागी अधिकारी ममता खेड़े को अवगत कराते हुए कहा है कि, पूर्व में भी माता के आधार पर जाति प्रमाण पत्र बन चुके हैं तो आपको इन बच्चों के जाति प्रमाण पत्र बनाने में क्या दिक्कत आ रही है। नीमच जिले में बांसवाड़ा समुदाय के 27 गांव है जहां पर कई महिलाएं देगा पर के पैसे में है। जिस कारण से उनके कोई पति नहीं है साथ ही उनके पास कहीं रहा गीत ट्रक ड्राइवर आते थे जिन्हें वह जानती नहीं थी और जन्म के समय उन्होंने अपने पसंद के किसी भी व्यक्ति का नाम लिख दिया था लेकिन जब बच्चे बड़े हुए और जब उन्हें स्कूल में प्रवेश के लिए भेजा तब स्कूल में जाति प्रमाण पत्र मांगा गया।
फिर महिलाओं ने अपने बच्चों के लिए जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया तो आवेदन में पिता का रिकॉर्ड मांगा और पिता का रिकॉर्ड नहीं होने के कारण इनके आवेदन निरस्त हो जाते हैं पूर्व में भी 2018 से 2022 तक बांसवाड़ा समुदाय में कई महिलाओं के बच्चों के जाति प्रमाण पत्र माता के नाम पर बने हुए हैं लेकिन वर्तमान में नहीं बनने के कारण इन बच्चों के साथ स्कूलों में प्रवेश नहीं किसी योजनाओ का लाभ मिल पा रहा है पहले की तरह वर्तमान में भी अगर माता के नाम से इन बच्चों के जाति प्रमाण पर बनते हैं तो कई बच्चों के भविष्य मैं आगे बढ़ाने के लिए सुनहरा एक अवसर है इसलिए हमने कलेक्टर साहब से एवं अनुयाई अधिकारी को उनकी समस्या से रूबरू करवाया है और हमें उम्मीद है कि कहीं ना कहीं शासन स्तर पर उनके प्रमाण पत्र को लेकर आदेश जारी होगा।