BIG NEWS : वरिष्ठ पत्रकार कल्पेश याग्निक आत्महत्या मामला, फर्जी दस्तावेज पेश कर ली जमानत, मल्हारगढ़ पुलिस की गिरफ्त में सलोनी, इंदौर क्राइम ब्रांच के सुपुर्द किया, क्या इस घटना का नीमच से भी कनेक्शन...! पढ़े खबर

वरिष्ठ पत्रकार कल्पेश याग्निक आत्महत्या मामला

BIG NEWS : वरिष्ठ पत्रकार कल्पेश याग्निक आत्महत्या मामला, फर्जी दस्तावेज पेश कर ली जमानत, मल्हारगढ़ पुलिस की गिरफ्त में सलोनी, इंदौर क्राइम ब्रांच के सुपुर्द किया, क्या इस घटना का नीमच से भी कनेक्शन...! पढ़े खबर

रिपोर्ट- नरेंद्र राठौर 

पिपलियामंडी। वरिष्ठ पत्रकार कल्पेश याग्निक आत्महत्या केस में फर्जी दस्तावेज पेश कर जमानत लेने के मामले में फरार सलोनी अरोरा को मल्हारगढ़ पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार किया, जिसे इंदौर क्राइम ब्रांच को सुपुर्द कर दिया। मामले में फर्जी जमानत देने वाला आरोपी केदार डाबी भी इंदौर पुलिस गिरफ्त में आ चुका है। 

जानकारी के मुताबिक, इंदौर में वरिष्ठ पत्रकार कल्पेश याग्निक आत्महत्या केस की आरोपी नीमच निवासी सलोनी अरोरा पर फर्जी जमानत लेने के मामले में धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में इंदौर में केस दर्ज है। इंदौर क्राइम ब्रांच सलोनी की तलाश में जुटी हुई थी। इस बीच मंगलवार को दोपहर सलोनी की लोकेशन मल्हारगढ़ क्षेत्र में होने पर इंदौर क्राइम ब्रांच ने मल्हारगढ़ पुलिस को सूचित किया। 

मल्हारगढ़ टीआई राजेन्द कुमार पंवार ने जिस कार में सलोनी सवार थी, उसका पीछा किया। हाइवे पर मल्हारगढ़ से आगे हर्कियाखाल के निकट दोपहर 1 बजे करीब सलोनी को पकड़ लिया व थाने पर ले आए, मल्हारगढ़ टीआई पंवार ने बताया चूंकि मामला थाना क्षेत्र का नही था, इसलिए ज्यादा जानकारी नही है, केवल सलोनी को पकड़ने के लिए सूचना थी, जिसे पकड़कर इंदौर पुलिस के सुपुर्द किया है।

यह है पूरा मामला-

जुलाई 2018 में सलोनी अरोरा द्वारा ब्लेकमेल कर पांच करोड़ रुपए मांगने पर वरिष्ठ पत्रकार कल्पेश याग्निक ने आत्महत्या कर ली थी। उस समय सलोनी पर केस दर्ज हुआ था, इसके बाद उसे जमानत मिल गई थी। यह केस अभी भी जिला कोर्ट में ट्रायल पर है, लेकिन अब सलोनी फर्जी कागज से जमानत लेने में घिरी है और इसमें उसके साथ ही जमानतदारों पर भी क्राइम ब्रांच इंदौर ने केस दर्ज किया है। 15 जुलाई की आधी रात को कल्पेश के भाई नीरज याग्निक की शिकायत पर जांच कराने के बाद यह केस दर्ज किया है। इसमें आरोपी सलोनी आरोरा के साथ ही जमानतदार केदार डाबी पिता मनीराम डाबी निवासी सिमरोल और मधु श्रीवास्तव पति राजेश श्रीवास्तव, 13 ए आनंद नगर इंदौर है। इन पर आईपीसी की धारा 115, 120 बी, 420, 465, 466, 467, 470, 471 और 474 में केस हुआ है। 

कुल दस धाराओं में केस दर्ज किया गया है। सलोनी आरोरा ने कल्पेश याग्निक के आत्महत्या, ब्लैकमेलिंग वाले केस में जमानत के लिए पहले डिंपल पित संजय अरोरा की जमानत पेश कराई, लेकिन बाद में उन्हें बदलते हुए केदार डाबी से जमानत पेश कराई। यह जमानत 3 जनवरी 2024 को पेश हुई और केदार डाबी के शपथपत्र को मधु श्रीवास्तव ने सही बताया, उनकी भी इसमें भूमिक संदिग्ध मानी गई है। नीरज याग्निक ने केदार डाबी के खिलाफ हाईकोर्ट में चले एक केस और इसमें 2022 में हुए एक आदेश का हवाला दिया और बताया कि केदार डाबी तो पेशेवर तरीके से जमानत देने वाला आदतन अपराधी है और इसके खिलाफ हाईकोर्ट ने भी टिप्पणी की है। फर्जी जमानत देने में इस पर केस भी चल रहे हैं। सलोनी ने अपनी जमानत के लिए केदार डाबी को बोला और उसने फर्जी ऋण पुस्तिका को पेश करते हुए सलोनी के लिए पांच लाख की जमानत का जमानतदार बना। दोनों ने मिलकर यह षड़यंत्र रचा। डाबी पहले भी कई लोगों की जमानत के लिए ऐसे कागज पेश कर चुका है। 

नीरज ने अपनी शिकायत में कोर्ट के सभी आदेश व अन्य दस्तावेज भी प्रस्तुत किए। इसकी जांच की गई जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने केस दर्ज किया है। इस आत्महत्या, ब्लैकमेलिंग केस में सलोनी पर जुलाई 2018 में पहले ही आईपीसी धारा 386, 503, 306, 465, 467, 468, 469, 471, 201, 204, 389, आईटी एक्ट व अन्य धाराओं में केस दर्ज है, जो न्यायाधीश हेमंत रघुवंशी की कोर्ट में चल रहा है। इसी केस में जमानत के लिए सलोनी ने केदार डाबी के साथ मिलकर फर्जी कागज से जमानत हासिल की। 14 जुलाई 2018 की रात को कल्पेश याग्निक ने दैनिक भास्कर एबी रोड इंदौर की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में सामने आया था कि भास्कर में रह चुकी पत्रकार सलोनी अरोरा ने उन्हें ब्लैकमेल किया था। इसके बाद पुलिस ने सलोनी पर गंभीर धाराओं में केस किया और गिरफ्तारी ली थी, बाद में यह जमानत हुई थी। 

नीरज याग्निक ने शिकायत में यह भी बताया कि केदार डाबी पर जमानतदार होने के नाते जिम्मेदार थी कि वह सलोनी को सुनवाई में पेश करवाए लेकिन केवल जनवरी 2024 में जमानत के दिन आने के सिवा सलोनी कोर्ट में पेश नहीं हुई। नीरज याग्निक ने इस मामले में कहा कि सलोनी तीन साल से कोर्ट में पेश नहीं हुई और केवल एक ही बार जनवरी 2024 में वह जमानत लेने के दौरान कोर्ट में आई। यह पूरा कोर्ट के साथ ही फर्जीवाड़ा किया गया है, इसमें सलोनी के साथ ही केदार डाबी और मधु श्रीवास्तव की संलिप्तता साफ दिख रही है। उद्देश्य यह लग रहा है कि यदि वह केस हारती तो देश छोड़कर कहीं भाग जाती, क्योंकि फर्जी जमानत है, उसका क्या बिगड़ना था। यह पीड़ित के साथ ही कोर्ट के साथ पूरा फर्जीवाड़ा है और यह बताता है कि यह अपराधी कितने शातिर है।