BIG NEWS: नगरीय निकाय चुनाव, पहले आपत्ति, फिर शिकायतों का दौर, किसने छिपाई सम्पत्तियां, अब किसने की अपील, सिंगोली के वार्ड- 7 का मामला पहुंचा निर्वाचन अधिकारी तक, पढ़े ये खबर
नगरीय निकाय चुनाव, पहले आपत्ति, फिर शिकायतों का दौर, किसने छिपाई सम्पत्तियां, अब किसने की अपील, सिंगोली के वार्ड- 7 का मामला पहुंचा निर्वाचन अधिकारी तक, पढ़े ये खबर

नीमच। नगरीय निकाय चुनाओं को लेकर एक ओर जहां पार्टीयों द्वारा अपने अधिकृत प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिया। वहीं दूसरी कुछ जगहों पर आपत्तियां लगना भी शुरू हो गई है। हालांकि फार्म उठाने का कल आखीरी दिन है। ऐसा ही एक ओर मामला सिंगोली नगर परिषद का सामने आया है। जहां अशोक कुमार पिता राधेश्याम शर्मा द्वारा निर्वाचन अधिकारी को वार्ड क्रमांक-7 में बीजेपी की अधिकृत उम्मीदवार को लेकर पहले आपत्ती दर्ज कराई थी। जिसके निरस्त होने पर एक बार फिर से अयोग्यता को लेकर शिकायत दर्ज कराई गई।
निर्वाचन अधिकारी को की गई इस शिकायत में बताया गया कि नगर परिषद सिंगोली के वार्ड क्रमांक 7 से श्रीमति सुनिता पति राजकुमार मेहना के नाम निर्देशन फार्म पेश किया। जिसके संबंध में प्रार्थी द्वारा पीठासीन अधिकर नगर परिषद सिंगोली के आज निर्वाचन के नाम निर्देश की समीक्षा के समय आक्षेप किये गये। किंतु अधिकारी ने विधि विरूद्ध जाकर नाम निर्देशन फार्म स्वीकार किया।
यह कि श्रीमति सुनिता-राजकुमार मेहता नगर परिषद सिंगोली के वार्ड 7 से निर्वाचन उम्मीदवार बनने के अयोग्य नगरपालिका अधिनियम की धारा 35 सहपठित धारा 41,41ए के तहत है। उक्त तथ्य अधिकारी के समक्ष रखने के उपरांत भी अधिकारी ने प्रार्थी की नहीं सुनी।
यह कि श्रीमति सुनिता-राजकुमार मेहता ने नाम निर्देशन फार्म के साथ प्रस्तुत शपथ पत्र में अपनी तथा अपने पति की सम्पत्तियों को छिपाया है, तथा नगरपालिका अधिनियम के अंतर्गत अयोग्यता के तथ्यों को भी छिपाया। उक्त तथ्यों के संबंध में भी अधिकारी का ध्यान आकर्षित किया था, किंतु अधिकारी ने अपनी मर्जी से दोष सिद्ध नहीं होने का आधार बना दिया। जबकि आपत्तिकर्ता की दोष सिद्ध के पाइंट पर कोई आपत्ति नहीं थी। यह कि आर्थिक अनियमितता के संबंध में भी अधिकारी का ध्यान आकर्षित किया। बावूजद इसके इसे संज्ञान में नहीं लिया गया।