NEWS : प्रधानमंत्री आवास योजना की तीसरी किस्त अटकी, ग्रामीण काट रहें दफ्तरों के चक्कर, क्या जमीनी स्तर पर नहीं हुआ भुगतान, पढ़े खबर
प्रधानमंत्री आवास योजना की तीसरी किस्त अटकी

रिपोर्ट- नरेंद्र राठौर
पिपलियामंडी। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को अब तक तीसरी किस्त का भुगतान नहीं किया गया है। इससे ग्राम लूनाहेडा के ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। बार-बार सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराने के बावजूद समस्या का निराकरण न होने से ग्रामीण परेशान होकर इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं। ग्राम लूनाहेडा, ब्लॉक मल्हारगढ़ के निवासी धुलसिंह राजपूत ने बताया कि आवास योजना का लाभ पिता भेरूसिंह को स्वीकृत हुआ था। लेकिन तीसरी किस्त आज तक उनके खाते में जमा नहीं की गई। भेरूसिंह का खाता क्रमांक 162001239764 है, जो जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, पिपल्या मंडी शाखा में है। इसके अलावा विनोदबाई नामक हितग्राही को भी तीसरी किस्त नहीं मिल पा रही है।
कारण यह बताया जा रहा है कि उनकी दूसरी किस्त का भुगतान पोर्टल पर अपडेट नहीं हुआ है। FTO क्रमांक MP1716002 130525FTO_1494798 दर्ज होने के बावजूद पोर्टल पर उसकी स्थिति अपडेट न होने से तीसरी किस्त की आर्डरशीट ही जारी नहीं हो पा रही। इस संबंध में ग्रामीणों द्वारा सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई गई थी। साथ ही तकनीकी समस्या दूर करने के लिए पोर्टल पर Eticket 10049004 और 10049469 भी जारी हो चुके हैं, लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी समाधान नहीं निकला है। शिकायतों की स्थिति सिर्फ “प्रगति में” बताई जा रही है, जबकि जमीनी स्तर पर अब तक कोई भुगतान नहीं हुआ।
ग्रामीणों का कहना है कि इस योजना का पैसा अटक जाने से उनके मकानों का निर्माण अधूरा पड़ा हुआ है। कई परिवार बिना छत के बारिश और धूप में गुजर-बसर कर रहे हैं। योजनाओं के नाम पर केवल कागजों में कार्रवाई दिखाकर वास्तविक भुगतान रोका जा रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहे।
ग्रामवासियों का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना गरीबों की छत के लिए चलाई गई है, लेकिन किस्त अटकने से इसका मकसद ही अधूरा रह गया है। यदि समय पर भुगतान न हुआ तो लाभार्थी खुले आसमान के नीचे जीवन गुजारने को मजबूर हो जाएंगे। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से मांग की है कि इस मामले में तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करते हुए तीसरी किस्त का भुगतान कराया जाए। साथ ही इस तरह की लापरवाही करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की जाए, ताकि भविष्य में किसी भी हितग्राही को इस तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।