BIG BREAKING: उपचार के बाद किया रैफर, तो बीच रास्ते में बालिका ने तोड़ा दम, फिर परिजन शव लेकर पहुंचे केयरवेल हॉस्पिटल, किया जोरदार हंगामा, केंट पुलिस ने संभाला मोर्चा, पढ़े ये खबर
उपचार के बाद किया रैफर, तो बीच रास्ते में बालिका ने तोड़ा दम, फिर परिजन शव लेकर पहुंचे केयरवेल हॉस्पिटल, किया जोरदार हंगामा, केंट पुलिस ने संभाला मोर्चा, पढ़े ये खबर

नीमच। शहर के निजी अस्पताल में एक बालिका की मौत और उसके बाद आक्रोशित परिजनों द्वारा हंगामा करने से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। अस्पताल के बाद हो-हल्ला करने की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मोर्चा संभाला। मामला शुक्रवार दोपहर का गायत्री मंदिर रोड़ के समीप स्थित केयरवेल हाॅस्पिटल का बताया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार नीमच जिले की जावद तहसील के ग्राम लोध निवासी 16 वर्षीय बालिका को यूरिन बंद होने की समस्या हुई, परिजन तत्काल बालिका को केयरवेल हाॅस्पिटल लेकर पहुंचे। जहां डाॅक्टरों ने उसे प्राथमिक उपचार के बाद उदयपुर रैफर कर दिया। शहर के कुछ दुरी पर ग्राम कनावटी के समीप पहुंचते ही उक्त बालिका ने दम तोड़ दिया। जिसके बाद परिजन शव को लेकर केयरवेल हाॅस्पिटल पहुंचे और चिकित्सक नीलेश पाटीदार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया।
धीरे-धीरे यह हंगामा विवाद के रूप में तब्दील होता नजर आया, तो सूचना मिलते ही कैंट पुलिस मौके पर पहुंची और काफी देर तक परिजनों को समझाइश देने के बाद मामले को शांत कराया गया। जिसके बाद मृतिका के शव को पीएम के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया।
इनका कहना-
मृतिका के परिजन राकेश साल्वी ने बताया कि, बालिका कौशल्याय पिता स्वर्गीय फूलचंद बलाई 16 को यूरिन की समस्या थी, जिसके चलते उपचार के लिए उसे केयरवेल हाॅस्पिटल लाया गया। जहां डाॅक्टरों ने काफी देर तक उसका उपचार किया, लेकिन जब बालिका की हालत खराब होने लगी, तो उसे उदपुर या अहमदाबाद ले जाने की बात कहते हुए रैफर कर दिया। फिर जैसे ही सभी परिवारजन बालिका को उदयपुर ले जाने के लिए रवाना हुए, तो ग्राम कनावटी के समीप उसने दम तोड़ दिया। बालिका के इलाज में यहां के डाॅक्टरों ने लापरवाही बरती है। जिनके खिलाफ सख्त कार्यवाही होना चाहिए।
क्या बोले डाॅक्टर-
वहीं घटनाक्रम को लेकर केयरवेल हाॅस्पिटल के डाॅक्टर नीलेश पाटीदार का कहना है कि, शुक्रवार दोपहर करीब 12.30 बजे बालिका को उपचार के लिए अस्पताल लाया गया था। इस दौरान देखने में आया कि, बालिका की स्थित ज्यादा नाजुक थी, और उसका पेट काफी फूला हुआ था। इलाज के दौरान बालिका के पेट से करीब ढाई लीटर पानी निकाला गया। जब परिवार के लोगों से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि, पिछले दो दिनों से बालिका ने यूरिन नहीं किया। अमुमन यह समस्या आंत में छेद होने से होती है। जिसके कारण मरीज शोक में चला जाता है, और कीडनी भी काम करना बंद कर देती है। यहीं परेशानी इस बालिका के साथ हुई। जिसकी जानकारी भी डाॅक्टरों द्वारा पहले ही परिजनों को दी गई थी, और कहां गया था कि, मरीज की स्थिति काफी गंभीर है।
बावजूद इसके हमारे द्वारा प्राथमिक उपचार किया गया, और इलाज में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं हुई, ना हीं कोई लापरवाही बरती गई है। हमारे द्वारा जो उपचार किया गया है, उसकी फाइल भी परिजनों को पास ही है। वह चाहे तो किसी भी विशेषज्ञ को दिखा सकते है। और चाहे तो कंज्यूमर कोर्ट भी जा सकते है। वह पूरी तरह स्वतंत्र है।