BIG NEWS : प्रबंधन के स्टे आवेदन पर नहीं हो सकी सुनवाई, प्रबंधन की अनुपस्थिति, अब एक तरफा होगी कुर्की की कार्यवाही, मामला सीसीआई फैक्ट्री से जुड़ा, पढ़े खबर
प्रबंधन के स्टे आवेदन पर नहीं हो सकी सुनवाई

नीमच। आज दिनांक 1 अप्रैल 2025 को जारी एक प्रेस नोट में सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन सीटू के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह ठाकुर, जिला कार्यकारी अध्यक्ष किशोर जवेरिया, इंटक काउंसिल के अध्यक्ष भगत वर्मा, सीमेंट श्रमिक संघ के महासचिव निर्भय राम चौहान, संयुक्त ट्रेड यूनियन के शोभाराम धाकड़ ने जारी एक प्रेस नोट में बताया कि, तहसीलदार जावद के द्वारा सीमेंट फैक्ट्री नयागांव के कुर्की आदेश और फैक्ट्री की नीलामी प्रक्रिया पर रोक को निरस्त कर आदेश पर स्थगन (स्टे) लेने के लिए सीसीआई नयागांव प्रबंधन द्वारा माननीय उच्च न्यायालय इंदौर खंडपीठ में आवेदन लगाया था।
जिसमें सुनवाई के लिए 24 अप्रैल की तारीख नियत की गई थी। किंतु 2 अप्रैल 2025 को तहसीलदार जावद द्वारा फैक्ट्री की कुर्की कार्रवाई होना है। इसलिए प्रबंधन द्वारा अर्जेंट हियरिंग तुरंत सुनवाई हेतु आवेदन उच्च न्यायालय इंदौर में लगाया गया। जिसमें उन्हें 1 अप्रैल 2025 तारीख नियत की गई थी। आज माननीय उच्च न्यायालय ने उपरोक्त आवेदन बॉर्डर पर ना आने से सुनवाई नहीं हो सकी।
ज्ञात रहे प्रबंधन द्वारा मजदूरों का लंबित बकाया वेतन ना देते हुए सीधे-सीधे सीमेंट कॉरपोरेशन आफ इंडिया की फैक्ट्री नयागांव को स्क्रैप बनाकर नीलाम किया जा रहा था। जिस पर संज्ञान लेते हुए तहसीलदार न्यायालय द्वारा रोक लगाकर फैक्ट्री कुर्की के आदेश दिए गए थे। क्योंकि प्रबंधन का मंतव्य इस कुर्की को रोकना था और इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली है।
इसलिए 2 अप्रैल 2025 को माननीय तहसीलदार द्वारा की जाने वाली कार्यवाही का रास्ता अब बिल्कुल साफ हो गया है। प्रबंधन के अधिकारियों की अनुपस्थिति में कुर्की की कार्रवाई एक तरफा की जाएगी इस आशय का एक पत्र प्रबंधन के उच्च अधिकारी एस के सुधांशु को माननीय तहसीलदार जावद द्वारा 22 मार्च को ही भेजा जा चुका है। सुधांशु इस नीलामी प्रक्रिया की देखरेख कर रहे हैं, और नॉन ऑपरेशनल यूनिट के महाप्रबंधक भी हैं। नेताओं ने बताया कि प्रबंधन ने इसके पूर्व भी कई बार उच्च न्यायालय में विभिन्न आवेदन लगाए किंतु प्रबंधन को उसमें कोई सफलता नहीं मिली।
माननीय उच्च न्यायालय में मजदूरों की ओर से आज विद्वान अभिभाषक संजय जोशी उपस्थित थे। क्योंकि स्थगन आदेश आवेदन में आज सुनवाई नहीं हो सकती है। अतः प्रबंधन को किसी प्रकार की आज राहत नहीं मिली है और कुर्की का रास्ता साफ हो गया है। इससे 30 साल से परेशान मजदूरों को उनके बकाया वेतन मिलने की आशा और बलवती हुई है।