NEWS : दड़ौली और मांडा पंचायत के किसानों के बीच विधायक सखलेचा का कमाल, किसान हुआ मालामाल, अन्नदाताओं को ऐसे मिल रहा कृषि लाभ, पढ़े खबर

दड़ौली और मांडा पंचायत के किसानों के बीच विधायक सखलेचा का कमाल

NEWS : दड़ौली और मांडा पंचायत के किसानों के बीच विधायक सखलेचा का कमाल, किसान हुआ मालामाल, अन्नदाताओं को ऐसे मिल रहा कृषि लाभ, पढ़े खबर

रिपोर्ट- संजय नागौरी 

दड़ौली। अंचल की दड़ौली ओर मांडा पंचायत के किसानों के बीच विधायक सखलेचा का कमाल, किसान हुआ मालामाल का स्वर गाया जा रहा है। ऐसा पंचायत क्षेत्र दड़ौली में बने बहुप्रतीक्षित दो बांधो से मिल रहे जल संवर्धन के चलते हो रहा है। इन बांधो ने क्षेत्र के किसानों की कृषि को लाभ का धंधा बना दिया है। लगभग 100 बीघा कृषि भूमि पर किसान तीसरी फसल ले रहा है। ग्राम पंचायत दड़ौली के सरपंच प्रवीण नागोरी ने उक्त जानकारी देते हुए  बताया कि दोनो बांध विधायक ओमप्रकाश सखलेचा की किसान हितैषी सोच के चलते ही बन सके है। 

नागोरी ने बताया कि क्षेत्र के किसान चोरकुइया बांध निर्माण की मांग 40 से भी अधिक वर्षों से करते आ रहे थे।कुछ वर्षों पूर्व तक अंचल के किसान गहराते जल संकट के कारण  प्रतिवर्ष 100से अधिक बोरवेल खोद रहे थे। तब अंचल का किसान संयुक्त रूप से कृषि जल व्यवस्था के ऊपर लगभग  एक करोड़ से अधिक की राशि व्यय कर रहा था।जिसमें विद्युत पंप, पाइप लाइन, बोरवेल खनन जैसे कार्य करवाए जाते थे।मेहनत होती जो अलग।इतना होने के बाद भी किसान की दूसरी फसल को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता था। विधायक सखलेचा ने किसानों की  बांध निर्माण की मांग को गंभीरता से लिया। 

चार वर्षों के भीतर ग्राम पंचायत दड़ौली में चोरकुइया ओर आंबा दो बांध बन गए।इन दोनों बांधों से रामनगर,मांडा, जनकपुर, दड़ौली पंचायत के गांव में अभूतपूर्व जलसंवर्धन देखा जा रहा है। तीसरी फसल के रूप में तिल्ली, उड़द, खरबूजे, मूंग की लहलहाती फसल बांध निर्माण के फायदे खुद बता रही हैं। अकेले लक्ष्मीपुरा गांव में लाखों रुपए की आय  तरबूजे के बीज की होगी। पूर्व उपसरपंच अमरसिंह बंजारा ने बताया है मेने भी तीन बीघा खेत में खरबूजे की फसल लगाई है। इनके बीज निकालकर बेचूंगा।कुछ किसान सब्जी, तिल्ली, मूंग भी उगा रहे है। दड़ौली के विकास पाटीदार ने तरबूज की फसल लगाई है। 

किसान कीटनाशक विक्रेता ओर संतरे के व्यापारी रवि भानेज ने बताया कि दोनो बांधो से जल संवर्धन हुआ है। चोरकुइया बांध का पानी  नाले में यदि नियमित छोड़ा जाए तो सभी किसानों को लाभ होगा।उन्होंने कहा कि इस वर्ष क्षेत्र में संतरे का रकबा ओर बढ़ेगा। समूचे अंचल में संतरे की लहलहाती फसल ने इस अंचल को मिनी नागपुर बना दिया हैं।संतरे के बगीचों से लाखों रुपए की आय हो रही हैं। 

यह सब इस क्षेत्र में बने दोनों बांध के बाद हो रहे जल संवर्धन के चलते ही हो पाया है।जनकपुर के किसान लोकेश पाटीदार ने बताया कि अभी चोरकुइया बांध का लाभ एक छोटे से निश्चित क्षेत्र में ही हो पा रहा है। बांध निर्माण के लिए सर्वाधिक प्रयास जनकपुर के किसानों ने किए,लेकिन हम तक लाभ नहीं मिल पा रहा है।उन्होंने कहा कि संपूर्ण क्षेत्र को लाभान्वित करने के लिए  विभाग को किसानों की सलाह लेकर उचित प्रयास करना चाहिए।जिससे सखलेचा जी के प्रयास से ओर ज्यादा किसान मालामाल हो सके।