NEWS: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के द्वारा श्रीमद भागवत गीता ज्ञान यज्ञ कथा का शुभारंभ, योग शक्ति राजयोगिनी सुरेखा दीदी ने कहां- आस्था व विश्वास रूपी साधन को साथ लेकर गीताज्ञान यज्ञ की यात्रा करें, पढ़े खबर

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के द्वारा श्रीमद भागवत गीता ज्ञान यज्ञ कथा का शुभारंभ

NEWS: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के द्वारा श्रीमद भागवत गीता ज्ञान यज्ञ कथा का शुभारंभ, योग शक्ति राजयोगिनी सुरेखा दीदी ने कहां- आस्था व विश्वास रूपी साधन को साथ लेकर गीताज्ञान यज्ञ की यात्रा करें, पढ़े खबर

रिपोर्ट- बबलू यादव 

नागदा। श्रीमद भगवत गीता सर्व शास्त्रमय शिरोमणि है। जिसमें डायरेक्ट परमात्मा के महावाक्य उच्चारित है। अर्जुनभाव, आस्था, विश्वास रूपी साधन को साथ लेकर गीताज्ञान यज्ञ की यात्रा करें। पांडव प्रीतबुद्धि थे और कौरव विपरीत बुद्धि। पांडवों की परमात्मा से प्रीत बुद्धि थी। इसलिए उनकी विजय हुई। वही कौरवों की परमात्मा से विपरीत बुद्धि थी। इसलिए उनका विनाश हुआ। उक्त बातें योग शक्ति राजयोगिनी सुरेखा दीदी ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के संयोजन में नगर पालिका के हॉल में गुरूवार से आयोजित श्रीमद्भगवद गीता ज्ञान यज्ञ के प्रथम दिवस पर कही।

आगे पांच पांडव का अर्थ बताते हुए दीदी ने कहा कि अर्जुन अर्थात जिसके मन में अर्जन करने का भाव हो। युधिष्ठिर अर्थात युद्ध जैसी परिस्थिति में भी स्वयं को स्थिर बनाने वाला, सहदेव अर्थात धार्मिक कार्य में अपना सहयोग देने वाला। भीम अर्थात शक्तिशाली मनोबल वाला नकुल अर्थात अच्छी बातों की, श्रेष्ठ बातों की नकल करने वाला। हमें जीवन में इन बातों को धारण करना है। तब ही हम सच्चे अर्थों में पांडव कहलाएंगे।

प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा नगरपालिका हाल में श्रीमद्भगवद गीता ज्ञान यज्ञ कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिसका शुभारंभ नगर में कलश यात्रा निकाल कर किया गया। कलश यात्रा ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र से प्रारंभ होकर दयानंद कॉलोनी पलिया कला महिदपुर रोड जैन दादाबाड़ी पर समाप्त हुई। भगवत गीता के प्रथम दिन आरती में शहर के कपड़ा व्यापारी श्रीमान लोकेंद्र पोरवाल उनकी धर्मपत्नी सपना पोरवाल, बहन सरोज पोरवाल तथा प्रदीप रघुवंशी एडवोकेट, माधुरी रघुवंशी एवं श्रीमान दिलीप सोनगरा, श्रीमती सीमा सोनगरा ने आरती में भाग लिया। कथावाचक दीदी आदरणीय राजयोगिनी योग शक्ति सुरेखा दीदी जी का भव्य स्वागत भी किया गया।

योगशक्ति ब्रह्माकुमारी सुरेखा ने श्रीमद् भगवत गीता ज्ञान यज्ञ कथा में श्रद्धालुजनों को आगे बताया कि सत्य, अहिंसा के मार्ग पर चलकर ही मनुष्य का कल्याण संभव है। सभी को धर्म मार्ग पर चलकर अपने जीवन को सार्थक बनाना चाहिए। सभी को परमात्मा का ध्यान कर बुराई एवं पापों से बचना चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि परिवार, समाज, राष्ट्र व दुनिया की सभी समस्याओं का समाधान है श्रीमद् भगवद् गीता मे, जीवन की शायद ही कोई ऐसी समस्या है, जिसका समाधान श्रीमद् भगवद् गीता में नहीं मिले। यही वजह है कि श्रीमद् भगवद् गीता न सिर्फ भारत, बल्कि पूरे विश्व का महान धर्म ग्रंथ है। सम्पूर्ण मानव जाति को गीता से जीवन जीने की कला प्राप्त होती है। मानव जाति को एक नई दिशा देती है। अनादि काल से हर वक्त जब भी कोई आत्मा राह भटक गई या जीवन में भ्रमित हुई तो उस समय किसी न किसी रूप में गीता उसका मार्गदर्शन करती है। यही एक ग्रंथ है, जिसमें भगवान का महावाक्य सुनने को मिलता है। गीता में जीवन के हर सवाल का जवाब है। मनुष्य की मनःस्थिति के अलावा पारिवारिक, सामाजिक, राष्ट्रीय व वैश्विक स्थिति का समाधान भी श्रीमद् भागवद् गीता में है।

दीदी ने आगे कहा कि आज हर परिवार के अंदर झगड़ा क्यों है? जमीन व जायदाद को लेकर महाभारत में भी तो परिवार का ही झगड़ा दर्शाया गया है। पांडवों में कौरवों से पांच गांव मांगे थे, लेकिन दुर्योधन एक सूई के नोंक के बराबर भी जमीन देने को तैयार नहीं था, क्या ऐसी ही स्थिति आज हमारे परिवार में नहीं है? परिवार में कलह-क्लेश का कारण क्या है...? दुर्योधन जैसी मानसिकता। मतलब यह कि आज हम एक दूसरे को दिल व मन से स्थान देना नहीं चाहते हैं। सुख से जीने देना नहीं चाहते हैं। उनका अधिकारी होते हुए भी अधिकार देना नहीं चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि सच्चाई के मार्ग पर चलकर हमेशा सफलता मिलती है। सभी को सत्य अहिंसा के मार्ग पर चलकर अपने जीवन को सफल बनाना चाहिए। तभी मानव कल्याण संभव है।