NEWS : भाई अगर सलाह दे तो उसे सुनना और समझाना,नहीं तो होगा रावण जैसा हश्र,दड़ौली में चल रही राम कथा,जहा वन प्रसंग में क्या क्या कहा प.मनोज कृष्ण वैष्णव ने,पढ़े इस खबर में

भाई अगर सलाह दे तो उसे सुनना और समझाना,नहीं तो होगा रावण जैसा हश्र,दड़ौली में चल रही राम कथा

NEWS : भाई अगर सलाह दे तो उसे सुनना और समझाना,नहीं तो होगा रावण जैसा हश्र,दड़ौली में चल रही राम कथा,जहा वन प्रसंग में क्या क्या कहा प.मनोज कृष्ण वैष्णव ने,पढ़े इस खबर में

रिपोर्ट-संजय नागोरी ......
दड़ौली/ जीवन में अपना भाई कभी कोई सलाह दे तो उससे सुनना,समझना,वरना लंकापति जैसा हश्र होगा।यह समझाइश  दड़ौली में चल रही श्री रामकथा के दौरान पंडित मनोज कृष्ण वैष्णव दड़ौली द्वारा उपस्थित  धार्मिक श्रद्धालुओं से कही गई ।उन्होंने कहा कि आजकल भाइयों के बीच छोटी छोटी बातों को लेकर मन मुटाव ,लड़ाई झगड़े हो रहे है।जो मरने मारने तक जा रहे है।इससे समाज ,परिवार को नुकसान हो रहा है।

उन्होंने श्री राम कथा के भगवान राम के वन प्रसंग का जिक्र किया ।जिसमें  शूर्पणखा ने  राम  के सामने रखा था।लेकिन लक्ष्मण ने गुस्से में आकर उसकी नाक काट दी।और यह छोटी सी बात रावण ओर लंका के विनाश का कारण बनी।उन्होंने कहा कि हमें छोटी छोटी बातों को ज्यादा बड़ी नहीं करनी चाहिए।आज खेड़ा पति बालाजी में चल रही नो दिवसीय श्री राम कथा का समापन,श्री राम महायज्ञ की पूर्णाहुति ओर शिव पंचायत की स्थापना के कार्यक्रम होंगे।

इस अवसर पर महाप्रसादी का कार्यक्रम भी होगा।इसके पूर्व कथा के दौरान बालाजी मंदिर शिखर के कलश की  सर्वाधिक बोली सोहन लाल पिता स्व रामचंद्र जी भानेज के नाम रही। ध्वजा दण्ड की सर्वाधिक बोली जगदीश चंद भानेज  की  रही। बालाजी मुकुट की सबसे ज्यादा  बोली राजेंद्र नागर शिक्षक की रही।बालाजी महाराज के गदा की सर्वाधिक बोली जगदीश चंद भानेज ओर शंख की सर्वाधिक बोली ओमप्रकाश घेवरिया के नाम रही।मंच संचालन का दायित्व शिक्षक भरत सिसोदिया ने किया।