NEWS : देशनोक (बीकानेर) में कार्यसमिति की बैठक संपन्न, नरेंद्र गांधी पुनः बने अखिल भारतीय साधुमार्गीय जैन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष, सर्वसम्मति से हुआ मनोनयन, पढ़े खबर
देशनोक (बीकानेर) में कार्यसमिति की बैठक संपन्न

जावद। श्री अखिल भारतीय साधुमार्गीय जैन संघ की राष्ट्रीय कार्यसमिति एवं विशेष आमसभा की भव्य बैठक दिनांक 13 जुलाई 2025 को देशनोक (बीकानेर) स्थित होटल बंसल में आयोजित हुई। इस महत्वपूर्ण बैठक में आगामी सत्र 2025-27 के लिए पुनः नरेंद्र गांधी का सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में मनोनयन किया। यह निर्णय संघ की नियामक परिषद द्वारा लिया गया, जिसमें देश-विदेश से पधारे सैकड़ों साधार्मिक बंधुओं की गरिमामयी उपस्थिति रही।
बैठक में नरेंद्र गांधी के कुशल नेतृत्व की सराहना करते हुए आगामी दो वर्षों के लिए उन्हें पुनः अध्यक्ष पद पर विराजमान करने का प्रस्ताव रखा गया, जिसे सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से स्वीकार किया। गांधी के कार्यकाल में संघ की सक्रियता, संगठनात्मक विस्तार और साधुमार्गीय समाज के उत्थान हेतु किए गए कार्यों को अत्यधिक सराहा गया। इस बैठक में कई गणमान्य पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष भी उपस्थित रहे।
सुंदरलाल दुग्गड़, कलकत्ता
शांतिलाल सांड, बेंगलुरु
चंपालाल डागा, गंगाशहर
जयचंदलाल डागा, बीकानेर
पुखराज बोथरा, अहमदाबाद
गौतम रांका, मुंबई
नरेंद्र गांधी के अध्यक्ष बनने पर शुभकामनाओं का तांता-
नरेंद्र गांधी को पुनः राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने पर देशभर से साधुमार्गीय समाज के वरिष्ठजनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और युवाओं ने शुभकामनाएं दीं। संघ की आगामी योजनाओं को गति देने के लिए सभी ने मिलकर कार्य करने का संकल्प दोहराया।
इसके अतिरिक्त नियामक परिषद के प्रमुख सदस्य, बारह अंचलों के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, मंत्रीगण, महिला समिति की राष्ट्रीय अध्यक्ष व महामंत्री, समता युवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष व महामंत्री, संघ के राष्ट्रीय महामंत्री, कोषाध्यक्ष, प्रवृत्ति संयोजक मंडल, देशनोक संघ के अध्यक्ष व मंत्री तथा तीनों इकाइयों के पदाधिकारी व प्रतिनिधि विशेष रूप से उपस्थित रहे। सभा का वातावरण आत्मीयता, समरसता और संगठनात्मक एकता से परिपूर्ण रहा। सभी ने संघ की प्रगति, साधुमार्गीय संस्कृति के संरक्षण और युवाओं की भागीदारी बढ़ाने हेतु विस्तारपूर्वक विचार विमर्श किया।
इस ऐतिहासिक आमसभा में संघ की भावी कार्ययोजनाएं भी प्रस्तुत की गईं, जिनमें आध्यात्मिक गतिविधियों का विस्तार, सामाजिक सरोकारों में सहभागिता और राष्ट्रीय स्तर पर समाज का प्रतिनिधित्व बढ़ाने पर विशेष ज़ोर दिया गया।