BIG NEWS: कोरोना के बढ़ते मामले, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में देश के 50 डॉक्टरों की बैठक, नीमच के डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ऐरन का नाम भी शामिल, इन सुझावों पर बनी सहमति, पढ़े खबर
कोरोना के बढ़ते मामले, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में देश के 50 डॉक्टरों की बैठक, नीमच के डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ऐरन का नाम भी शामिल, इन सुझावों पर बनी सहमति, पढ़े खबर

नीमच। देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर केंद्र सरकार अलर्ट हो गई है। जिसके चलते कोरोना की वर्तमान स्थिति और रणनीति पर कैंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के प्रमुख चिकित्सकों के साथ विडियों काॅन्फ्रेसिंग के जरियें बैठक की। सोमवार को हुई इस अहम बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख भाई मंडाविया ने सभी चिकित्सकों से चर्चा की। खास बात यह है कि, बैठक के दौरान मध्य प्रदेश से नीमच के डाॅक्टर राजेन्द्र प्रसाद ऐरन शामिल हुए।
इस अहम बैठक में देश के उन समस्त AIIMS ओर कोर ग्रुप के 50 चिकित्सकों को आमंत्रित किया गया, जो कोरोना की शुरूआत से ही स्वास्थ्य मंत्रालय दिल्ली से जुड़े है। इन्हीं में मध्य प्रदेश से डाॅक्टर राजेन्द्र प्रसाद ऐरन को आमंत्रित किया।
आपकों बता दें कि, बैठक की शुरूवात में जाॅइंट सैक्रेटरी लव अग्रवाल द्वारा विश्व में और भारत में कोरोना की वर्तमान स्थिति संबंधित आंकड़े पेश किए। इसी परिपेश्य में भारत की स्थिति और तैयारियों की जानकारी दी। जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया द्वारा सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के संबंध में भी बताया गया। जिस पर सभी चिकित्सकों ने अपनी संतुष्टि व्यक्त की। बैठक में सभी एकमत थे कि, सावधानी की आवश्यकता है, पर डरने की नहीं। सरकार अपना काम कर रही है, और हमे अपना कर्तव्य पूरा करना चाहिए। साथ ही अफवाहों पर ध्यान ना देते हुए उचित माध्यम से प्राप्त सटिक जानकारी पर ही भरोसा करना चाहिए।
डाॅक्टर ऐरन ने दिए ये सुझाव-
इस अहम बैठक में कई तरह के सुझावों के बीच डाॅक्टर ऐरन ने भी अपने सुझाव दिए। जिन पर कैंद्रीय मंत्री मंडाविया सहित अन्य सभी ने अपनी सहमति जताई।
डाॅक्टर ऐरन ने बताया कि, जिन मरीजों को भर्ती की जरूरत हो, उनके लिए एक स्टेंडर्ड ट्रीटमेंट प्रोटोकाॅल निर्धारित हो, जिससे अनुपयोगी दवाओं से और खर्च से बचा जा सकें।
जिन लोगों ने वैक्सीन का तीसरा डोज नहीं लगवाया है, उन्हें प्रेरित करें, और चिकित्साकर्मियों को 60 वर्ष से उपर के व्यक्तियों और जो भी गंभीर बीमारियों से पीडित है, उनके लिए चौथे डोज की व्यवस्था की जाए। अब तक महज 27 प्रतिशत व्यक्तियों ने तीसरा डोज लगवाया है। साथ ही जनता को भ्रांतिपूर्ण जानकारी देते और अफवाह फैलाने वालों पर कठोर कार्यवाही की जाए।