BIG NEWS: मंदसौर से बड़ी खबर, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए अवैध खनन, अब जिला कलेक्टर का एक्शन, MKC कंपनी पर लगाया करोड़ों का जुर्माना, इस गांव के सरपंच-सचिव की भी होगी जांच, पढ़े खबर

मंदसौर से बड़ी खबर, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए अवैध खनन, अब जिला कलेक्टर का एक्शन, MKC कंपनी पर लगाया करोड़ों का जुर्माना, इस गांव के सरपंच-सचिव की भी होगी जांच, पढ़े खबर

BIG NEWS: मंदसौर से बड़ी खबर, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए अवैध खनन, अब जिला कलेक्टर का एक्शन, MKC कंपनी पर लगाया करोड़ों का जुर्माना, इस गांव के सरपंच-सचिव की भी होगी जांच, पढ़े खबर

मंदसौर। जिले से निकल रहे दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे बना रही एमकेसी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कंपनी पर कलेक्टर गौतम सिंह ने अवैध खनन के मामले में 10 करोड़ 23 लाख 84 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। कंपनी के लोगों ने भंडारण की अनुमति वाली जमीन की खुदाई कर दी। इस मामले में ग्राम सगोर के सरपंच व सचिव की भी जांच के आदेश कलेक्टर ने दिए।

जानकारी के अनुसार मामले में सामाजिक कार्यकर्ता ने एमकेसी कंपनी द्वारा किए जा रहे अवैध खनन को लेकर शिकायत की थी। मामले में प्रभारी खनिज अधिकारी सेंगर ने बीती 13 जनवरी को ग्राम भुवनगढ़ स्थित कंपनी के क्रेशर प्लांट पर कार्रवाई की। इस दौरान पता चला कि कंपनी द्वारा ग्राम भुवनगढ़ के सर्वे नंबर 163 पर 28440 घनमीटर का अवैध खनन कर पत्थर को क्रश कर एक्सप्रेस वे निर्माण में बगैर वैध अनुमति के उपयोग किया है। कंपनी को खनिज विभाग ने ग्राम भुवनगढ़ के सर्वे नंबर 161 पर खनिज खनन की एवं सर्वे नंबर 163 पर भंडारण की अनुमति प्रदान की थी। पर कंपनी के लोगों ने सर्वे नंबर 163 पर भी अवैध खनन किया।

खनिज अधिकारी सेंगर ने अवैध खनन की रायल्टी 34 लाख 12 हजार 800 रुपये पर मप्र गौण खनिज अधिनियम के आधार पर रायल्टी का 30 गुना जुर्माना लगाकर 10 करोड़ 23 लाख 84 हजार रुपये का प्रकरण कलेक्टर न्यायालय में पेश किया। कंपनी ने जवाब पेश किया कि सर्वे नंबर 163 पर सीएसआर एक्टिविटी के तहत तालाब निर्माण के लिए ग्रापं सगोर से ठहराव प्रस्ताव किया गया था। इसके निर्माण से निकले खनिज को पंचायत द्वारा शासकीय भूमि पर संग्रह कराया गया।

कलेक्टर गौतमसिंह ने आदेश में कहा कि ग्राम को शासकीय भूमि से खनिज खनन की अनुमति निजी व्यक्ति या संस्था को देने का अधिकार नहीं है। खनिज विभाग द्वारा कंपनी को सर्वे नंबर 163 पर खनिज भंडारण की अनुमति दी थी, तो कंपनी ने ग्रापं सगोर से तालाब निर्माण का ठहराव प्रस्ताव क्यों किया। इस मामले में ग्रापं सगोर के सरपंच एवं सचिव की भी जांच कराई जा रही हैं। उन पर कंपनी से मिली भगत कर शासन को राजस्व की हानि पहुंचाने एवं खनिज नियमों के उल्लंघन का दोषी मानते हुए जांच जिपं के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को करने को कहा हैं। एमकेसी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कंपनी पर 10 करोड़ 23 लाख 84 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया।