NEWS: वर्ल्ड फिजिकल थेरेपी डे पर विशेष, आर्थराइटिस में फिजियोथेरेपी का महत्व, जागरूकता को लेकर बड़ा संदेश, पढ़े ये खबर

वर्ल्ड फिजिकल थेरेपी डे पर विशेष

NEWS: वर्ल्ड फिजिकल थेरेपी डे पर विशेष, आर्थराइटिस में फिजियोथेरेपी का महत्व, जागरूकता को लेकर बड़ा संदेश, पढ़े ये खबर

नीमच। समाज में फिजियोथेरेपी के महत्वपूर्ण योगदान के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे। ज्यादा जानकारी देते हुए इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपी वूमेन सेल की  जिला कोऑर्डिनेटर डॉक्टर मर्लिन मैथ्यू  ने बताया की  इस वर्ष के विश्व फिजियोथैरेपी दिवस का फोकस गठिया यानी आर्थराइटिस पर है। लक्षणों में एक या एक से अधिक जोड़ों में अकड़न, दर्द,सूजन,कठोरता और लालिमा शामिल हो सकती है जो काम कार्य और दैनिक जीवन शैली गतिविधियों में बाधा डाल सकती है। इसके कई अलग-अलग प्रकार हैं जैसे रूमेटाइड अर्थराइटिस और गाउट तथा यह सभी उम्र और शारीरिक फिटनेस वाले लोगों को प्रभावित कर सकता है जिनमें बच्चे किशोर और एथलीट शामिल हैं। 

जिन्हें जूविनाइल इडियोपेथिक अर्थराइटिस के रूप में जाना जाता है ।गठिया के कुछ रूप वृद्ध लोगों में अधिक आम है जिन्हें ओस्टियोआर्थराइटिस भी कहा जाता है। घटिया के लक्षण सप्ताह दर सप्ताह और यहां तक की दिन प्रतिदिन भिन्न हो सकते हैं यह लोगों को अलग-अलग तरीकों से भी प्रभावित कर सकता है और प्रत्येक स्थिति में विशिष्ट लक्षण होंगे हालांकि सही उपचार और दृष्टिकोण के साथ आप अपने लक्षणों को प्रबंध कर सकते हैं और अच्छी तरह से जी सकते हैं।

जीवन शैली में गड़बड़ी और लोगों में बढ़ती शारीरिक निष्क्रियता के कारण मौजूदा समय में गठिया जैसी समस्याएं काफी आम हो गई है ऐसी दिक्कतों को ठीक करने में फिजियोथेरेपी सबसे कारगर चिकित्सा पद्धति मानी जा सकती है। फिजियोथेरेपी के माध्यम से रोगियों के सर्जरी की आवश्यकताओं को कम करते हुए उन्हें स्वाभाविक तौर से भी ठीक करने के प्रयास किए जाते हैं। एवं ऑपरेशन के बाद रोगियों की शारीरिक स्थिति को दोबारा से बेहतर बनाने  और रोजाना के कार्य को आसानी से करने में फिजियोथेरेपी अहम भूमिका निभा रही है। 

फिजियोथैरेपिस्ट एक बहु-विषयक टीम का हिस्सा हैं जो सब प्रकार के गठिया के समग्र उपचार,आपके लक्षणों को प्रबंधित करने में,आपकी स्थिति और क्षमताओं तक पहुंचने में सक्षम होंगे और आपको सक्रिय रहने में मार्गदर्शन करेंगे। गठिया से पीड़ित लोगों को फिजियोथेरेपिस्ट के पास भेजा जाना चाहिए जो कि आधुनिक चिकित्सा प्रणाली एवं व्यक्तिगत संरचित व्यायाम कार्यक्रम के माध्यम से परामर्श एवं उपचार देते हैं जो की रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन को और पूरे शरीर के अंगों एवं जोड़ों के लचीलेपन, गतिविधि स्तर को बनाए रखने में और दर्द निवारण  में कारगर साबित हुई है।

साथ ही फिजियोथेरेपी का दायरा सिर्फ मांसपेशियों और हड्डियों तक सीमित नहीं रहता है इसकी सीमा में वो तंत्रिकाएं भी आती है जो हमारे शरीर के विभिन्न अंगों को नियंत्रित करती है। कोरोना जैसे भयावह  काल में भी फिजियोथेरेपी की आवश्यकता महती महसूस की गई  तब भी फिजियोथेरेपी के माध्यम से लोगो को नया जीवन देने में फिजियोथेरेपी ने महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान की ।इसीलिए स्वस्थ रहने के लिए हमेशा ही फिजिकल थेरेपी आवश्यक है।