BIG REPORT : समाजसेवी अशोक अरोरा पर फायरिंग मामला, तो यहां से हत्थे चढ़ा फरार आरोपी लक्की सिंहल, वाहन और होटलों की व्यवस्था कराने वाला साथी भी गिरफ्तार, पूछताछ में उगले राज, पढ़े पूरे गोलीकांड की कहानी पुलिस की जुबानी...!
समाजसेवी अशोक अरोरा पर फायरिंग मामला

नीमच। एसपी अंकित जायसवाल के निर्देशन, एएसपी नवलसिंह सिसौदिया एवं सीएसपी अभिषेक रंजन के मार्गदर्शन तथा नीमच सिटी थाना प्रभारी निरीक्षक उमेश यादव के नेतृत्व में सायबर सेल एवं नीमच सिटी पुलिस थाना की गठित संयुक्त विशेष पुलिस टीम द्वारा दिनांक- 04 फरवरी 2024 को शहर के व्यस्ततम मार्ग सिटी लाईट फर्नीचर के पास चौपड़ा चौराहा के पास अज्ञात हमलावरो द्वारा अंधाधुध फायरिंग कर व्यवसायी एवं समाजसेवी अशोक अरोरा पर जानलेवा हमला करवाने में शामिल 20 हजार रूपयें के फरार ईनामी आरोपी अर्पित सिंहल उर्फ लक्की एवं फरार आरोपी को फरारी के दौरान सुविधायें मुहैया करवाने वाले आरोपी अंकित निवासी भाटखेड़ा को गिरफ्तार कर फरारी के दौरान प्रयुक्त आरोपी के वाहन फारच्यूनर को जप्त करनें में सफलता प्राप्त की।
जानकारी के अनुसार, बीती दिनांक- 4 फरवरी 2024 को सुचना प्राप्त हुई थी कि, शहर के व्यस्ततम मार्ग सिटी लाईट फर्नीचर चौपड़ा चौराहा के पास अज्ञात हमलावरो द्वारा किसी पर अंधाधुध फायरिंग की है जिसमे एक व्यक्ति मौके पर घायल हो गया है। सुचना की तस्दीक में मौके पर जाकर देखते तथा जानकारी प्राप्त करते पाया कि सिटी लाईट फर्नीचर के सामने से नीमच के व्यवसायी अशोक पिता स्व. कश्मिरीलाल अरोरा अपनी वाल्वो कार क्रं. डीडी.02.जी.1100 से जा रहे थें, जैसे ही वह अपनी कार से सिटी लाईट फर्नीचर के यहां पहुंचे, तो रांग साईड से काले रंग की क्रेटा कार क्रमांक एमपी.44.सीबी.2430 तेजी से आई और वाल्वो कार के सामने अड़ा दी एवं उसमे से चार लोग उतरे और चारों ने अशोक अरोरा को जान से मारने की नियत से वाल्वो कार पर अंधाधुंध फायरिंग शुरु कर दी। जिससे अशोक अरोरा को गोली लगी, और वह घायल हो गये।
अशोक अरोरा कारोबारी होने से उनकी जान माल की सुरक्षा हेतु उनके साथ नारायणसिंह नाम का व्यक्ति दुसरे वाहन से साथ चल रहा था। जिसके द्वारा लायसेंसी बन्दुक से आत्मरक्षा हेतु जवाबी फायरिंग की। जिसके चलते तीन आरोपी अशोक अरोरा तथा उनके साथ चल रहे दुसरे लोगों पर फायरिंग करते हुये हथियार लेकर मौके पर गाड़ी छोडकर भाग गये और एक व्यक्ति घायल होकर नीचे गिर गया। उक्त घटना की सुचना फरियादी नारायण सिंह द्वारा थाने पर दी गयी। जिस पर से पुलिस थाना नीमच केंट पर अपराध क्र. 43/24 धारा- 307, 341 भादवि व 25, 27 आर्म्स एक्ट का कायम कर विवेचना में लिया।
उक्त प्रकरण में 08 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। 02 फरार आरोपी अर्पित सिंहल उर्फ लक्की निवासी नीमच तथा सलीम माण्ड़ा निवासी मदारपुरा जिला मंदसौर घटना दिनांक से फरार चल रहे थें। आरोपी अर्पित सिंहल उर्फ लक्की पर पुलिस उप महानिरीक्षक महोदय द्वारा रूपयें 20 हजार का तथा आरोपी सलीम माण्ड़ा पर रूपयें 5 हजार का ईनाम घोषित किया गया था।
एसपी अंकित जायसवाल द्वारा फरार आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु निरीक्षक उमेश यादव के नेतृत्व में सायबर सेल एवं नीमच सिटी थाना की संयुक्त टीम बनाई जाकर आरोपी की गिरफ्तारी हेतु विशेष निर्देश दिये गये। पुलिस टीम द्वारा लगातार आरोपी अर्पित सिंहल उर्फ लक्की की गिरफ्तारी हेतु तकनिकी अनुसंधान एवं मुखबिर तंत्र के आधार पर खाटू श्याम, जयपुर, दिल्ली, चण्ड़ीगढ़, शिमला, मनाली, लुधियाना, इन्दौर, दाहोद तक विशेष पुलिस टीम द्वारा आरोपी अर्पित सिंहल उर्फ लक्की की गिरफ्तारी हेतु दबिशे दी। आरोपी लगातार अपने छिपने के ठिकाने बदल-बदल कर फरारी काटता रहा। फिर दिनांक- 27.05.24 को विशेष पुलिस टीम द्वारा इनपूट के आधार पर आरोपी अर्पित सिंहल उर्फ लक्की को अपने दोस्त अंकित के साथ अपने फारच्यूनर वाहन से इन्दौर से नीमच आते समय चल्दू से गिरफ्तार किया।
गिरफ्तारी पश्चात पूछताछ के दौरान आरोपी अर्पित सिंहल उर्फ लक्की द्वारा जानकारी दी गई कि, अंकित द्वारा उसके कहे अनुसार उसको रूपयें, चार पहिया वाहन, होटलों में रूकवाने की व्यवस्था एवं विलासता की सुविधायें उपलब्ध करवाता था। उक्त बयानो के आधार पर आरोपी अंकित कुमावत को भी गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरण-
उक्त कार्यवाही के दौरान पुलिस ने लक्की उर्फ अर्पिल सिंहल पिता ओमप्रकाश सिंहल निवासी म.न. 95 विकास नगर 14/2 नीमच (घोषित ईनाम 20 हजार रू) और अंकित को गिरफ्तार किया है। साथ ही टोयोटा फारच्यूनर वाहन भी जप्त किया है।
सराहनीय कार्य-
उक्त सराहनीय कार्य में निरीक्षक उमेश यादव थाना प्रभारी नीमच सिटी, सउनि कन्हैयालाल सौलंकी, प्रआर. प्रदीप शिन्दें (सायबर सेल), प्रआर नीरज प्रधान, प्रआर अजीत सिंह, आर. लखन प्रताप सिंह (सायबर सेल), आर कुलदीप सिंह (सायबर सेल), आर लक्की शुक्ला, प्रआर. आदित्य गौड़ (सायबर सेल), आर. विश्वेन्द्र सिंह (सायबर सेल) और आर. रामप्रसाद पाटीदार का सराहनीय योगदान रहा।