BIG NEWS: एक भूमि पर दो लोगों ने जताया मालिकाना हक, बातचीत हुई विवाद में तब्दील, जमकर चली लाठियां, अब जीरन पुलिस कर रही जांच, मामला ग्राम चीताखेड़ा का, पढ़े ये खबर

एक भूमि पर दो लोगों ने जताया मालिकाना हक, बातचीत हुई विवाद में तब्दील, जमकर चली लाठियां, अब जीरन पुलिस कर रही जांच, मामला ग्राम चीताखेड़ा का, पढ़े ये खबर

BIG NEWS: एक भूमि पर दो लोगों ने जताया मालिकाना हक, बातचीत हुई विवाद में तब्दील, जमकर चली लाठियां, अब जीरन पुलिस कर रही जांच, मामला ग्राम चीताखेड़ा का, पढ़े ये खबर

नीमच। जिले के जीरन थाना क्षेत्र के ग्राम चीताखेड़ा में जमीन की बात को लेकर दो पक्षों में जमकर विवाद होने का मामला सामने आया है। घटना में कई लोग घायल भी हुए। जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं पुलिस ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है। 

जानकारी के अनुसार बीते बुधवार की रात करीब 8.30 बजे ग्राम चीताखेड़ा के जावरिया मोहल्ले निवासी शंभू जावरिया और नारायण जावरिया के बीच आवासीय भूखंड को लेकर लेकर कहांसुनी हो गई, और यहीं कहांसुनी इतनी बढ़ गई कि, मौके पर लाठियं और डंडे भी चल गए। 

घटना की जानकारी मिलते ही तत्काल पुलिस मौके पर पहुंची, और घायल लोगों को जीरन स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। जहां से डाॅक्टरों द्वारा प्राथमिक उपचार के बाद कुछ घायलों को नीमच जिला अस्पताल रैफर कर दिया। 

विवाद का संभावित कारण...! 

बताया जा रहा है कि, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृत हुई पहली किश्त को शंभू मेघवाल ने उक्त भूखंड के निर्माण में लगाई, जब दूसरी किश्त में देरी हुई, तो नारायण मेघवाल ने उक्त भूखंड पर अपना हक जता दिया। जबकि मामले को लेकर पूर्व में शंभू मेघवाल को पंचायत की और से नोटिस भी भेजा गया था। जिसमे बताया गया था कि, जल्द से जल्द आवास का निर्माण कार्य पूरा कराया जाए। जब दुसरी किश्त आने पर निर्माण कार्य को आगे बढ़ाया गया, तो नारायण मेघवाल ने उक्त भूमि को अपना बताते हुए अधिकार जताया, और इसी बात पर दोनों पक्षों के बीच विवाद खड़ा हो गया। हालांकि पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है।  

एक भूमि पर दो का मालिकाना हक...! 

मामले में एक असंमजस्य ये भी बना हुआ है कि, जब शंभू को ग्राम पंचायत की और से उक्त भूमि पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्माण की अनुमति दी गई, तो उस पर नारायण ने कैसे अपना हक जता दिया...! 

जब एक भूमि है, और शंभू को निर्माण की अनुमति है, तो नारायण का हक आखिरकार कैसे हुआ। ऐसे में क्या ग्राम पंचायत की और से कोई धांधली इस भूखंड में की गई...? या फिर क्या एक ही भूखंड को दोनों पक्षों को स्वीकृत कर दिया, और 25-25 हजार की राशि ग्राम पंचायत द्वारा बीना किसी जांच और दस्तावेजों के आदर पर जारी की जा रही है, या फिर यह पूरा मामला ही कुछ और है। हालांकि अब इसका खुलासा तो पुलिस जांच के बाद ही हो पाएगा।