BIG NEWS: जिले के 31 छात्रावासों की मरम्मत के लिए लाखों रूपए जारी, 8 माह बाद भी हाल बेहाल, देवास जिले की तरह नीमच में सामने आई अनियमितता, क्या अब नीमच के इस अधिकारी पर भी कार्रवाई, या होगी लीपापोती...? RTI में बड़ा खुलासा, पढ़े ये खबर
RTI में बड़ा खुलासा

नीमच। एक साल पहले जिले के 31 छात्रावासों की मरम्मत के लिए करीब 90 लाख रुपए आवंटित हुए थे। प्रत्येक छात्रावास की मरम्मत के लिए 3 से 4 लाख रुपए स्वीकृत हुए थे। इन रुपयों से अति आवश्यक कार्य छात्रावासों में करवाने थे। हालही में एक आरटीआई में खुलासा हुआ कि, तकनीकी स्वीकृति के माध्यम से जो कार्य होने थे, वे नहीं हुए। इसके अलावा उन कार्यों का खुलासा भी नहीं किया गया, जिन्हें पालक समिति की बैठक में रखा था।
जिससे प्रतीत होता है कि, मामले में गंभीर वित्तीय अनियमितता हुई है। इससे पहले भी इसी प्रकार की अनियमितता के चलते देवास जिले के आदिम जाति विभाग के जिला संयोजक को निलंबित किया गया था। ठीक ऐसी ही शिकायत अब नीमच जिले में भी हुई है।
दरअसल, आरटीआई कार्यकर्ता परमजीत फौजी ने बुधवार को जिला कलेक्टर को 13 पेज एक शिकायत की। यह शिकायत कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण विभाग भोपाल तथा राजस्व कमिश्नर उज्जैन को की गई है। साथ ही शिकायत के माध्यम से एक कमेटी गठित कर स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच की मांग की।
कमेटी के माध्यम से मरम्मत में खर्च सभी आवश्यक दस्तावेजों की जांच तथा भौतिक सत्यापन की मांग की है। जांच उपरांत दोषियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के साथ दंडात्मक कार्रवाई करने की बात कही है। आरटीआई से कई अनियमितता का खुलासा हुआ है। जिनमें टीएस के अनुसार कार्य नहीं किया गया। साथ ही ई-टेंडर भी नहीं करवाया। प्रेस विज्ञप्ति जारी नहीं की गई। एक ही फर्म को शून्य प्रतिशत पर टेंडर जारी किए गए। जो एकल निविदा के आधार पर किए गए। इसी तरह कई अनियमितताओं का खुलासा आरटीआई के जरिए हुआ है।
ऐसी ही शिकायत पर देवास डीओ निलंबित-
नीमच में बुधवार को हुई शिकायत की तरह ही देवास जिले में भी शिकायत हुई थी। जिसमें बाद कलेक्टर के प्रतिवेदन के बाद उज्जैन कमिश्नर ने देवास के आदिम जाति जिला संयोजक विवेक नागवंशी को निलंबित कर दिया। अब देखना होगी कि नीमच में भी क्या इसी प्रकार का एक्शन लिया जाता है, या फिर शिकायत पर लीपापोती होती है।