BIG NEWS: कूनो अभयारण्य में चीतों की संख्या बड़ी, अब समय से जल्दी आएंगे गांधी सागर में, वनकर्मियों को ट्रेनिंग शुरू, तो बाड़े बनाने की भी तैयारी, क्या बोले DFO...! पढ़े ये खबर
कूनो अभयारण्य में चीतों की संख्या बड़ी, अब समय से जल्दी आएंगे गांधी सागर में, वनकर्मियों को ट्रेनिंग शुरू, तो बाड़े बनाने की भी तैयारी, क्या बोले DFO...! पढ़े ये खबर

मंदसौर। कूनो अभयारण्य में चीतों की संख्या ज्यादा होने के बाद अब केंद्र व राज्य सरकार के विशेषज्ञ उन्हें नई जगहों पर जल्द से जल्द भेजना चाहते हैं। इसके लिए पहले से चयनित गांधीसागर अभयारण्य में भी तैयारी तेज कर दी गई हैं। हालांकि बाड़े बनने से पहले चीतों को यहां लाया नहीं जा सकता है, पर अधिकारियों ने वनकर्मियों को चीतों के साथ किस तरह का व्यवहार करना हैं, उसकी ट्रेनिंग देना शुरू कर दी हैं।
इधर चीतों के बाड़े बनाने के लिए टेंडर की प्रक्रिया भी अंतिम दौर में हैं। गांधीसागर अभयारण्य में चीतों को गांधीसागर से रामपुरा मार्ग पर स्थित रामपुरा पठार वाले क्षेत्र में रखा जाएगा। यहां पानी के साथ ही चीतों के पसंदीदा मैदान भी बहुत हैं। चीतों के लिए बनने वाले बाड़ों में सोलर पावर्ड इलेक्ट्रिक फेंसिंग की जाएगी।
कूनो में नामीबिया से व दक्षिण अफ्रीका से 20 चीते लाए जा चुके हैं, इनमें से दो की मौत हो गई हैं। वहीं एक मादा चीते सियाया ने चार बच्चों को जन्म भी दिया है। अभी जिस तरह चीतों ने खुला घूमने की शुरूआत की हैं, उससे अधिकारियों को लग रहा है कि कूनो में चीतों की संख्या ज्यादा हो गई और अब इन्हें जल्द ही गांधीसागर अभयारण्य में ले जाने की तैयारी करना होगी।
हालांकि अभी गांधी सागर चीतों के लिए तैयार नहीं हुआ है। यहां फिलहाल तीन नर व पांच मादा चीते लाने की तैयारी है। भोपाल से संकेत मिलने के बाद वन विभाग आवश्यक व्यवस्थाएं करने में जुट गया है। वनकर्मियों को चीतों के साथ किस तरह व्यवहार करने की ट्रेनिंग दी जा रही हैं। इसके अलावा चीतों के लिए बाड़े बनाने के लिए टेंडर प्रक्रिया भी लगभग हो गई है।
जल्द ही ही रामपुरा मार्ग पर रामपुरा पठार वाले अभयारण्य क्षेत्र में बाड़े बनाने का काम भी शुरू हो जाएगा। इन बाड़ों के चारों तरफ जो फेंसिंग लगाई जाएगी उसमें हल्का करंट भी रहेगा, ताकि दूसरे जंगली जानवर चीतों को परेशान नहीं कर सके। यह फेंसिंग सोलर उर्जा से चार्ज रहेगी, ताकि बिजली की लाइन भी नहीं बिछाना पड़ेगी।
विशेषज्ञों का दल पहले ही बता चुके हैं चीतों के अनुकूल-
गांधीसागर अभयारण्य में विभागीय अमले के साथ विशेषज्ञों की टीम भी आ चुकी है। देहरादून के भारतीय वन्य जीव संस्थान से आए विशेषज्ञ पहले ही गांधीसागर अभयारण्य में घास के मैदान को चीतों के लिए अनुकूल बता चुके हैं। अब यहां चीतों के भोजन के लिए नरसिंहगढ़ से चीतल लाने का कार्य डेढ़ साल पहले ही शुरू किया गया था। अब तक नरसिंहगढ़ से लाकर 266 चीतल छोड़े गए थे। अब इनकी संख्या 400 से ज्यादा हो गई है।
डीएफओ आदेश श्रीवास्तव ने बताया कि, गांधीसागर अभयारण्य में तीन नर व पांच मादा चीता लाने की योजना है। इसके लिए तैयारी कर रहे हैं। वनकर्मियों को आवश्यक ट्रेनिंग दी जा रही हैं। चीतों के लिए बाड़े बनाने का कार्य भी जल्द शुरू हो जाएगा।