BIG NEWS: मनासा में धूमधाम से मनाई गई नृसिंह जयंती, बद्री विशाल मंदिर पर हुआ ऐतिहासिक आयोजन, खम्भ फाड़ प्रकट हुए भगवान, यहां लीला का मंचन भव्य कार्यक्रम, पढे खबर
मनासा में धूमधाम से मनाई गई नृसिंह जयंती

रिपोर्ट- मनीष जोलान्या
मनासा। मंदिरों की नगरी मनासा में रविवार शाम नरसिंह चतुर्दर्शी पर नगर नायक बद्री विशाल मंदिर पर नृसिंह लीला का रोमांचकारी मंचन किया गया। जिसको देखने व दर्शन के लिए हजारों की संख्या में भक्तो की भीड़ बद्री विशाल मंदिर के सामने चौक में उमड़ पड़ी। बद्री विशाल मंदिर पर हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी नृसिंह चतुर्दशी पर रोमांचकारी लीला का आयोजन किया जाता है।
नृसिंह जयंती पर शाम 6:45 बजे नृसिंह अवतार के रूप में भगवान प्रकट हुए, ये वो समय है, जब न दिन था न रात, नृसिह भगवान ने हिरण्यकश्यप का वध कर दिया। इस लीला का हजारों लोगों ने अपनी आंखों से देखा पुराणिक कथाओं के अनुसार भक्त प्रह्लाद के पिता हरण्यकश्यप को वरदान था की वह न दिन में मारा जाय न रात में न अस्त्र से न शस्त्र न मनुष्य के हाथो न स्त्री के हाथो से।
ज्ञात हो कि, नरसिंह लीला में भगवान नृसिंह के पात्र खम्ब (कोठी) से निकलते हैं। हृण्यकश्यप बने पात्र द्वारा मंदिर की सीढ़ियों पर कई बार दौड़ लगाता है। ठीक सूर्यास्त के समय हिरण्यकश्यप उक्त खंम्भ को अपनी गदा से तोड़ देता है। जैसे ही वह खंम्भ टुटता है, उसी कोठी से क्रोध में तमतमाए भगवान नृसिंह प्रकट होते है और दुष्ट राजा हरिण्यकश्यप का वध करते है। क्रोध में तमतमाए भगवान नृसिंह को भक्तो द्वारा अपने कंधों पर उठते हुवे मंदिर की सीढ़ियों पर लाया जाता है। जहा उपस्थित जनसमुदाय भगवान नृसिंह के दर्शन करते है। बाद मे उनके क्रोध को शांत करने के लिए आरती की जाती है, और प्रसादी वितरण की जाती है।