NEWS : हमेरिया गांव में श्री महिषासुर मर्दिनी मंदिर पर शिखर स्वर्ण कलश प्रतिष्ठा महोत्सव, भागवत कथा में बह रही ज्ञान की गंगा, इस दिन भव्य भजन संध्या का भी, स्वामी सुदर्शनाचार्य महाराज बोले- रील बनाने की मची होड़, पढ़े खबर
हमेरिया गांव में श्री महिषासुर मर्दिनी मंदिर पर शिखर स्वर्ण कलश प्रतिष्ठा महोत्सव

नीमच। जिले के जीरन तहसील के गांव केलूखेड़ा व बामनिया के बीच स्थित ग्राम हमेरिया में प्राचीन व चमत्कारी श्री महिषासुर मर्दिनी माता मंदिर के शिखर स्वर्ण कलश प्रतिष्ठा महोत्सव पंचकुंडीय सतचंडी महायज्ञ और भागवत कथा का दिव्य आयोजन 25 अप्रैल से किया जा रहा है। गांव में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा में भक्ति रस की गंगा बह रही है।
व्यासपीठ से कथा सुनाते हुए श्री श्री 1008 स्वामी सुदर्शनाचार्य जी महाराज ने कथा के चौथें दिवस पर कहा कि चतुर्थ दिवस जब आता है तो भगवान कृष्ण का जन्म उत्सव मनाया जाता है जिसें नंद उत्सव भी कहते है, जब कोई उत्सव मनावें तो, पीला वस्त्र धारण करें, भगवान के यहां बैठकर भगवान जैसे ना बनें तो फिर भगवान के यहां बैठना व्यर्थ ही है, भगवान के मंदिर में जाओं या तीर्थ यात्रा पर आजों या किसी कथा में जाओं तो अपनी पारमपरिक वेशभूषा में जाओं और जो भगवान को प्रिय है, उस वेशभूषा में जाना चाहिए। अगर भगवान को खूश करने की दृष्टि से जा रहे हो तो और खाली रील बनाने के लिए जा रहे हो तो फिर वहां जाना ही क्या। इन दिनों मंदिरो में रील बनाने की होड़ मची हुई है, अगर अभी भी नहीं जागें तो फिर जिंदगी भर रील ही बनाते रह जाओगे और तो और भगवान के दरबार में या कथा में जाओं तो उटपटाग कपड़ो का भी ध्यान रखें। ऐसी वेशभूषा में ना जाए जो भगवान को पंसद ना हो, खासकर आज की इस पीड़ी में महिलाओं को या फिर उनकी बच्चियों को मर्यादा का बहुत ध्यान रखना चाहिए।
साथ ही गुरूदेव ने कहा कि धरती पर जब-ज़ब धर्म की हानि होती है और अत्याचार-अनाचार से मानवता कराह उठती है तब-तब भगवान किसी न किसी रूप में अवतार लेकर सारे दुखों का हरण करते हैं। श्रीमद् भागवत कथा में झांकी के माध्यम से भगवान का जन्म उत्सव मनाया गया। इसे देख एक ओर जहां लोगों की आंखे छलक उठी। वहीं भगवान कृष्ण का जन्म होते ही श्रद्धालुओं में कृष्ण -भक्ति का ज्वार उमड़ पड़ा। पूरा माहौल सोहर, शहनाई, बांसुरी व वात्सल्य गीतों से गूंज उठा। राधा व कृष्ण की किरदार में आए दर्जनों बच्चों पर पुष्प -वर्षा व उनकी पूजा - अर्चना होने लगी।
20 किलों गुलाल और 20 किलों फूलों की खेली होली-
साथ ही हमेरिया गांव में प्राचीन व चमत्कारी श्री महिषासुर मर्दिनी माता मंदिर के प्रांगण में चल रही कथा में चौथे दिन भगवान के जन्म उत्सव की झांकी के दर्शन किए। वहीं इसके साथ ही भगवान के जन्म उत्सव पर बच्चों को श्रीश्री 1008 स्वामी सुदर्शनाचार्य जी महाराज के द्वारा चाकलेट भी बांटी। वहीं इस दौरान 20 किलों गुलाल व 20 किलो फूल की पखूड़ी की होली खेली गई। हर दिन बड़ी संख्या में ग्रामीण अंचलों से महिलाएं, युवा और बुजुर्ग कथा सुनने पहुंच रहे हैं। सुबह 12 बजे से शाम 4 बजे तक कथा का आयोजन हो रहा है। आयोजन समिति के सभी सदस्यों ने श्रद्धालुओं से समय पर पहुंचने और आयोजन में सहभागी बनने का आग्रह किया है। इसके लिए छोटे-बड़े झूले-चकरी के साथ मनिहारी सहित अन्य दुकानें भी लगेगी।
30 अप्रैल को एक शाम माता रानी के नाम-
ग्राम हमेरिया में प्राचीन व चमत्कारी श्री महिषासुर मर्दिनी माता मंदिर के शिखर स्वर्ण कलश प्रतिष्ठा महोत्सव पंचकुंडीय सतचंडी महायज्ञ और भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा के समापन के बाद हर रोज अलग-अलग भक्तिमय कार्यक्रम हो रहे हैं। वहीं 30 अप्रैल को भी एक शाम माता रानी के नाम से भव्य भजन संध्या का आयोजन समिति के द्वारा किया जा रहा है, जिसमें वृंदावन ग्रुप प्रतापगढ़ टीम आरजे 35 के द्वारा भव्य प्रस्तुति दी जाएगी, जिसमें भजन गायक यश बैरागी-सुमित बैरागी, शोकिन कीर-एबी मेनारिया टीम आरजे 35 विशेष रूप से भजनों की प्रस्तुति देंगे।