BIG NEWS: नाबालिग के साथ आरोपियों ने की ये हरकत, तो कैंट थाने पहुंची शिकायत, अब न्यायालय का फैसला, दोनों आरोपियों को तिहरा आजीवन कारावास, मामला बघाना थाना क्षेत्र का, पढ़े ये खबर
नाबालिग के साथ आरोपियों ने की ये हरकत

नीमच। माननीय सुशांत हुद्दार, सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश (पॉक्सों एक्ट) द्वारा 10 वर्षीय बालिका का शारीरिक व यौन शोषण करने वाले 2 आरोपीगण शम्भूलाल पिता महावीर प्रसाद राठौर (28) एवं राज उर्फ प्रकाश पिता महावीर प्रसाद राठौर (32) दोनों निवासी- ग्राम तेलनखेडी थाना बघाना को धारा- 376 (2) (एन), 376 (एबी), 376 (डीबी) भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत तीनों धाराओं में आजीवन कारावास एवं 3-3 हजार अर्थदण्ड और धारा- 502 (2), 354 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 एवं धारा- 3/4, 9 (जी) / 10, 9 (एल) / 10, 9 (एम) / 10, पॉक्सों एक्ट, 2012 के अंतर्गत भी दोषी पाते हुए विभिन्न अवधि के कारावास से दण्डित कर क्रमशः कुल 21-19 हजार अर्थदण्ड से दण्डित किया।
प्रकरण में शासन की और से पैरवी करने वाले विशेष लोक अभियोजक जगदीश चौहान द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि, दिनांक- 15.06.2020 को 10 वर्षीय पीड़िता की माता ने कैंट थाने पर उपस्थित होकर एक लेखी आवेदन प्रस्तुत किया। जिसके अनुसार दिनांक- 07.03.2020 की दोपहर लगभग 1-2 बजे के बीच उसका किरायेदार शंभुसिंह द्वारा पीड़िता के साथ बुरी नियत से छेड़छाड़ करते हुए उसके फ्रॅाक में हाथ डालकर एवं सीने पर हाथ लगाकर निजी अंगों को छु रहा था। जब वह अचानक पहुंची तो आरोपी ने हाथ हटा लिया। इसी दिन पीड़िता की माता ने आरोपी से मकान खाली करवा लिया था, तथा इसी दौरान आरोपी द्वारा धमकी दी गई थी कि, अगर किसी को कुछ बताया तो जान से मार दूंगा। आरोपी द्वारा दी गई धमकी के डर के कारण पीड़िता की माता द्वारा दिनांक- 15.06.2020 को आरोपी के विरूद्ध कैंट थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध करवाई।
विवेचना के दौरान उपनिरीक्षक शब्बी मेव द्वारा पीडिता के कथन लिये गये। व आरोपी को गिरफ्तार किया गया और जिला समन्वयक अधिकारी चाईल्ड लाईन नीमच से पीड़िता की काउंसलिंग कराई। काउंसलिंग के पश्चात प्रतिवेदन व परार्मश रिपोर्ट तैयार की। जिसके अनुसार आरोपी शंभुसिंह व उसके भाई राज उर्फ प्रकाश द्वारा मई से जुलाई 2019 के बीच पीडिता का शारीरिक व यौन शोषण किया गया था। जिस आधार पर प्रकरण में राज उर्फ प्रकाश को भी आरोपी बनाया जाकर गिरफ्तार किया गया एवं प्रकरण में धारा- 376 (2) (एन), 376 (एबी), 376 (डी) भारतीय दण्ड संहिता, 1860 एवं धारा 3/4, 5 (एच) (एल) (एम) / 6 पॉक्सों एक्ट, 2012 की वृद्धि करते हुए शेष आवश्यक अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र माननीय विशेष न्यायालय नीमच के समक्ष प्रस्तुत किया। अपराध की गंभिरता को देखते हुए शासन द्वारा इसे जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण के रूप में चिन्हित किया।
अभियोजन द्वारा माननीय विशेष न्यायालय (पॉक्सों एक्ट) के समक्ष विचारण के दौरान पीड़िता, उसकी माता सहित सभी महत्वपूर्ण साक्षीगण के बयान कराकर आरोपीगण के विरूद्ध अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराकर घटना की गंभीरता को देखते हुए उनको कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया। जिससे सहमत होकर माननीय विशेष न्यायालय (पॉक्सों एक्ट) द्वारा आरोपीगण को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक जगदीश चौहान द्वारा की।