NEWS : प्रदेश का बड़ा रेलवे जंक्शन, जिसको जिला बनाने की 15 सालो से हो रही मांग, अब फिर निकली पदयात्रा, जो आज पहुंचेगी भोपाल, क्या है पूरा मामला पढ़े ये खबर
प्रदेश का बड़ा रेलवे जंक्शन, जिसको जिला बनाने की 15 सालो से हो रही मांग, अब फिर निकली पदयात्रा, जो आज पहुंचेगी भोपाल,

उज्जैन जिले में चंबल नदी के तट पर स्थित नागदा क्षेत्र को जिला बनाने की मांग को लेकर चल रही पदयात्रा 11 मई गुरूवार को भोपाल पहुंच रही है, यह यात्रा 30 अप्रैल को नागदा से शुरू थी उज्जैन, देवास, सोनकच्छ, आष्टा, सीहोर, बैरागढ़ होते हुए 255 किमी की दूरी तय करते हुए भोपाल पहुंच रही है, नागदा क्षेत्र से सरकार को सालाना 1000 करोड़ रुपए कर के माध्यम से प्राप्त होता है,
लेकिन विकास की राशि नागदा को प्राप्त नहीं हो पाती, नागदा एक ऐसा शहर है, जो दिल्ली-मुंबई का सबसे बड़ा रेलवे जंक्शन है, नागदा का सड़क मार्ग अन्य बड़े मार्गों से भी जुड़ा हुआ है, औद्योगिक स्थान होने के साथ ही यहाँ बिरला कंपनी की निजी एयर स्ट्रिप के संचालन का कार्य भी होता है, इस क्षेत्र के लोग पिछले 15 वर्षों से नागदा को जिले घोषित करने की मांग कर रहे हैं,यात्रा के संयोजक बसंत मालपानी ने बताया कि जिले में सभी तहसीलों में उच्च अधिकारियों का प्रशासनिक ध्यान ठीक तरह नही जा पता है,
छोटे जिले के बनने पर विकास की राह बड़े जिले के मुकाबले आसान होती है, वहीं छोटे जिलों में गुड गवर्नेंस और फास्ट सर्विस डिलिवरी से लोगों के जीवनस्तर में सुधार होता है, शहरों के साथ ही गांवों और कस्बों की दूरी जिला मुख्यालय से कम हो जाती है, इससे आम लोगों और प्रशासन के बीच संवाद बढ़ता है वहीं सरकारी मशीनरी की रफ्तार भी बढ़ जाती है, उन्होंने बताया कि विकास की रफ्तार तेज होने के साथ ही छोटे जिलों में कानून-व्यवस्था नियंत्रण में रखना आसान रहता है,
शहरों, कस्बों और गांवों के बीच कनेक्टिवटी बढ़ने से सरकारी योजनाएं आम लोगों तक जल्दी व आसानी से पहुंचाई जा सकती हैं, हमारे नागदा शहर से प्राप्त कर के 1 हजार करोड़ की राशि ही सही अनुपात में जिला योजना समिति के माध्यम से लगाई जाएगी तो नागदा और उसमे शामिल तहसीलों के विकास के द्वार खुल जायेंगे,