BIG NEWS : नीमच सिटी का कब्रिस्तान, यहां के विकास, और दुकानों में बड़ा झोल, जिंदा महिला को कागजों में मारा, फर्जी कमेटी बनाने का बड़ा आरोप, पूर्व सदर मोहम्मद हुसैन शाह का बड़ा खुलासा, कई दफन राज उजागर...! पढ़े खबर
नीमच सिटी का कब्रिस्तान, यहां के विकास

नीमच। शहर के उपनगर नीमच सिटी में मौजूद कब्रिस्तान, यहां हुए विकास कार्य और इससे जुड़ी दुकानों सहित कई फर्जीवाड़े और चौकाने वाले खुलासे इसे लेकर हुए है, ईदगाह कब्रिस्तान कमेटी के जिम्मेदारों ने जिंदा महिला का दफन प्रमाण तक बनाने के बाद उसी के बल पर एक मकान का सौंदा तक कर डाला, लेकिन अब इसी कब्रिस्तान से जुड़े कई दफन घोटालों को बज्म ऐ अदीब कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व सदर मोहम्मद हुसैन शाह ने सबूतों के साथ उजागर कर दिया है। मामले का खुलासा करने के लिए मोहम्मद शाह ने गुरूवार को प्रेसवार्ता भी की, और कब्रिस्तान में हुए घोटालों के साथ वर्तमान कब्रिस्तान कमेटी को भी फर्जी करार दिया।
दरअसल, प्रेसवार्ता के माध्यम से मोहम्मद हुसैन शाह ने पत्रकारों को नीमच सिटी कब्रिस्तान की वर्तमान कमेटी को फर्जी तो बताया ही। साथ ही इसी कमेटी द्वारा किए गए फर्जी घोटाले और हजारों रूपये डकारने जैसे कई मामले बताएं, पहला मामला दुकानों से जुड़ा है। जिसमे मोहम्मद शाह ने कई बार कैशियर हामिद अख्तर मंसूररी से पूछा कि, रिकॉर्ड में कितनी दुकान दर्ज है, लेकिन उनके द्वारा बताया नहीं गया। जांच पड़ताल में सामने आया कि, दुकान तो कुल 33 है, लेकिन कमेटी ने रूपये हजम करने के लिए 23 दुकानों होने की बात कहीं। साथ ही ये दुकाने इनके द्वारा पांच-पांच हजार रूपये प्रतिमाह में किराया से दी गई है।
मोहम्मद शाह ने बताया कि, समाज के लोगों को विश्वास में लिए बगैर फर्जी कमेटी बनाई गई, और विधिक प्रकियाओं का भी पालन नहीं किया। इसके अलावा आपराधिक पृष्ट भूमि वाले लोगों को भी पदाधिकारी बनाया गया। जिसके समाज के लोगों को डराया जा सकें। कमेटी में एडवोकेट वसीम कुरैशी को विधिक सलाहकार बताया गया है, अगर ऐसा तो वें अपने कर्तव्य का पालन करते हुए विधिक प्रक्रियाओं का पालन कमेटी गठन के समय क्यों नहीं कराया गया।
मोहम्म्द शाह का कहना है कि, मैरे सदर रहते हुए मुझे कभी केशबुक नहीं दिखाई गई, और ना हीं मैरे कहीं भी हस्ताक्षर कराये गए। यदि कोई भी ज्यादा कीमत की वस्तु खरीदी जाती है, तो उसके पहले विज्ञप्ति जारी की जाती है, कोटेशन आमंत्रित किए जाते है, जो नहीं किए गए। ऐसे में चोरी-छूप्पे कम दामों में सामग्री खरीदकर अधिक राशि अंकित की गई, और समाज के लोगों को भ्रमित करने के लिए जानकारियां बैनर पर अंकित की गई।
वार्ता में मोहम्मद शाह ने बताया कि, मैरे सदर रहते हुए अब्दुल रहमान कुरैशी बिना किसी विधिक प्रक्रिया का पालन करते हुए बिना मेरी जानकारी के भोपाल गए, जिसका किराया व्ययय 3 हजार 520 रूपये और 5 हजार एवं 10 हजार रूपए किसी को देना बताया। जिसकी कोई रसीद अथवा प्रमाण नही दिया गया। इसी प्रकार जिला अस्पताल के पास स्थित नर्सरी से 31.07.2022 को जो पौधे लाने का व्यय 1300 रूपये बताएं गए, जब मात्र 300 रूपये का भुगतान किया गया। पूर्व सदर डॉक्टर आसिफ अमान से एक लाख रूपये से ज्यादा की राशि कब-कहां-किस दिनांक को प्राप्त की। कभी किसी को नहीं बताई और समाजजनों को भ्रमित कर रहे है।
मोहम्मद हुसैन शाह ने अपने खुलासे में यह भी बताया कि, एक कुआं भी किसी के द्वारा खुदवाया गया था। जिसकी मिटटी पुख्ता पीर जलाल शाह के नाम की भूमि पर फैला दी गई, और भराव के नाम पर 29 हजार 400 रूपये बताएं, जिसके लिए विज्ञप्ति भी जारी की गई, और कितने कोटेशन मंगवाएं गए।
मोहम्मद शाह का साफ तोर पर कहना है कि, ये फर्जी कमेटी के सदस्य आय-व्यय के खर्च पर का खुलासा कब तक नहीं करेंगे। समाज को कौन बताएगा। या बैनर पर सिर्फ फर्जी राशि लिखवाकर आवाम को गुमराह करते रहेंगे। मोहम्मद शाह ने कहां कि, समाज की आवाम चाहे, तो उनके संपर्क कर प्रमाण पत्र की प्रतिलिपि का अवलोकन कर सकते है कि, 18.05.1989 को मृत दर्शाई गई महिला अमानत बाई पति शब्बीर शाह का प्रमाण पत्र फर्जी है, तो आप के द्वारा किस दिनांक को थाने में प्रकरण दर्ज कराया एवं दीदार शाह पिता शब्बीर शाह के खिलाफ क्या कार्यवाही की।