BIG NEWS: पाती के खेत पर विवाद, फिर मेढ़ पर मिली रामप्रसाद की लाश, रामपुरा पुलिस की जांच में खुलासा, अब कुल्हाड़ी से गला काटने वाले मांगीलाल को मिली आजीवन कारावास की सजा, पढ़े ये खबर
पाती के खेत पर विवाद, फिर मेढ़ पर मिली रामप्रसाद की लाश, रामपुरा पुलिस की जांच में खुलासा, अब कुल्हाड़ी से गला काटने वाले मांगीलाल को मिली आजीवन कारावास की सजा, पढ़े ये खबर

नीमच। माननीय अखिलेश कुमार धाकड़, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश, मनासा द्वारा पाती के खेत पर पाणत करने के विवाद के कारण कुल्हाड़ी से गला काटकर हत्या करने वाले आरोपी मांगीलाल उर्फ नाना पिता भैरूलाल धनगर गायरी (45) निवासी ग्राम बादीपुरा, थाना-रामपुरा को धारा 302 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत आजीवन कारावास एवं 1000 रू. जुर्माने से दण्डित किया।
जिला लोक अभियोजन अधिकारी जगदीश चौहान द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि घटना दिनांक 29.11.2018 की सुबह लगभग 6 से 8 बजे के बीच की रामपुरा थाना क्षैत्र के ग्राम थनेड़ स्थित बाबुलाल के खेत के मेढ़ की हैं। घटना के दिन मृतक रामप्रसाद पाटीदार खेत पर पाणत करने गया था, बाद में पुलिस को रामप्रसाद की लाश खेत के मेढ़ के पास पड़ी होने की सूचना मिली, जिस पर से पुलिस द्वारा मृतक का पोस्टमार्टम कराये जाने पर रिपोर्ट में पता चला की मृतक की हत्या धारदार हथियार से उसका गला काटकर की गई।
पुलिस द्वारा मर्ग जांच उपरांत आरोपी के विरूद्ध थाना रामपुरा में अपराध क्रमांक 325/18, धारा 302 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई। प्रकरण जांच प्रधान आरक्षक चैनराम हाड़ा व विवेचना निरीक्षक प्रतीक राॅय द्वारा की गई, जिसमें इस बात का पता चला कि मृतक रामप्रसाद पाटीदार जो कि आरोपी मांगीलाल गायरी के भाई बाबुलाल के खेत पर हिस्सेदारी में खेती करता था, जिस कारण मृतक व आरोपी के बीच खेत में पाणत कराने की बात को लेकर आये दिन विवाद होता रहता था।
जिस कारण आरोपी ने कई बार मृतक को जान से मारने की धमकी दी थी। इसी बात को लेकर घटना दिनांक को आरोपी द्वारा कुल्हाडी से मृतक का गला काटकर उसकी हत्या कर दी गई। विवेचना के दौरान आरोपी को गिरफ्तार कर घटना में प्रयुक्त कुल्हाडी जप्त की गई, साक्षीयों के बयान लिये गये एवं अन्य वैज्ञानिक व परिस्थितिजन्य साक्ष्य एकत्रीत करते हुए विवेचना पूर्ण कर अभियोग-पत्र मनासा न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए शासन द्वारा इसे जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण के रूप में चिन्हित किया गया।
अभियोजन द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष विचारण के दौरान सभी महत्वपूर्ण साक्षीगण के बयान कराये गये। प्रकरण में घटना का कोई चश्मदीद साक्षी नहीं होने के कारण अपराध को वैज्ञानिक एवं परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर प्रमाणित कराया गया, जिसमें मृतक को आरोपी के साथ अंतिम बार देने जाने वाले साक्षीगण नंदूबाई व बगदीराम की साक्ष्य कराई गई। इसके अतिरिक्त पोस्टमार्टम करने वाले डाॅ. हेमन्त पाटीदार की साक्ष्य से भी यह प्रमाणित कराया गया कि जो कुल्हाडी आरोपी के बताये जाने से जप्त हुई हैं, उसी से मृतक की हत्या की गई हैं।
जिला लोक अभियोजन अधिकारी जगदीश चैहान द्वारा प्रकरण में लिखित में अंतिम तर्क प्रस्तुत कर आरोपी को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया। अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्को से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को 302 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में आजीवन कारावास एवं 1000 रू. जुर्माने से दण्डित किया गया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री जगदीश चैहान द्वारा की गई।