BIG REPORT : सीसीआई फैक्ट्री मामला, नीमच जिला कलेक्टर और जावद तहसीलदार का ऐतिहासिक निर्णय, क्या नीलामी पर लगी रोक, और मजदूरों की हुई जीत...! पढ़े खबर
सीसीआई फैक्ट्री मामला

नीमच। सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन सीटू के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह ठाकुर, जिलाध्यक्ष किशोर जवेरिया, जिला महासचिव सुनील शर्मा, इंटक काउंसिल के जिलाध्यक्ष भगत वर्मा, संयुक्त ट्रेड यूनियन के उपाध्यक्ष शोभाराम धाकड़, सीमेंट सर्विस संघ के जिला महासचिव निर्भय राम चौहान ने शुक्रवार को जारी एक प्रेस नोट में बताया कि 8 फरवरी 2025 से सीमेंट कॉरपोरेशन आफ इंडिया के बंद पड़ी फैक्ट्री के स्क्रैप की नीलामी प्रक्रिया पर शुक्रवार को जावद तहसीलदार मयूरी जोक ने रोक लगा दी है। उपरोक्त कार्यवाही कलेक्टर नीमच के मार्गदर्शन में हुई है।
बीती 19 फरवरी 2025 को जावद एसडीएम और पटवारी सहित आठ अन्य अधिकारियों की एक टीम ने सीसीआई फैक्ट्री का दौरा करते हुए पूरी संपत्ति का मुआयना किया था। नवंबर 2023 से सीमेंट फैक्ट्री नयागांव के लोडर श्रमिकों के बकाया वेतन का एक मामला जावद तहसीलदार के यहां लंबित था। इस संबंध में जानकारी यह है कि, फैक्ट्री लोडर 1999 में अपने बकाया वेतन को लेकर श्रम न्यायालय मंदसौर में गए थे। जहां उनके पक्ष में निर्णय हुआ। उसके पश्चात फैक्ट्री प्रबंधन औद्योगिक न्यायालय और उच्च न्यायालय इंदौर में अपील, याचिका लगाई थी जो की खारिज हो गई। तब श्रम न्यायालय ने मामला कलेक्टर नीमच को मजदूरों के बकाया वेतन का भुगतान करवाने हेतु दिया था।
जिसमें यह भी उल्लेखित था कि, फैक्ट्री प्रबंधन यदि मजदूरों का बकाया वेतन नहीं देता है, तो फैक्ट्री की संपत्ति कुर्क करके मजदूरों का वेतन भुगतान कराया जाए। 90 लोडर श्रमिकों का ब्याज सहित करीब 18 करोड़ रूपया वेतन फैक्ट्री पर बकाया है। फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा तहसीलदार न्यायालय में इस नीलामी प्रक्रिया की सूचना भी नहीं दी थी। जिला कलेक्टर नीमच एवं तहसीलदार द्वारा कार्रवाई करते हुए फैक्ट्री प्रबंधन से पूछा गया। तब 19 मार्च 2025 को फैक्ट्री प्रबंधन में पहली बार जावद तहसीलदार को सूचना दी कि फैक्ट्री में स्क्रैप एक सरकारी कंपनी के द्वारा बेचा जा रहा है।
यहां यह भी बताना अत्यंत आवश्यक है कि, फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा केंद्रीय औद्योगिक न्यायालय जबलपुर एवं उच्च न्यायालय दिल्ली में चल रहे एक अन्य मामले फैक्ट्री के क्लोजर के विरुद्ध चल रहे है। मामले में भी इस नीलामी प्रक्रिया की कोई सूचना नहीं दी। यही नहीं किसी स्थानीय समाचार पत्र में तथा फैक्ट्री के बाहर बड़े बोर्ड पर भी इस नीलामी प्रक्रिया की कोई सूचना नहीं दी। इस तरह यह पूरी कार्रवाई अवैध थी।
ऐसे में शुक्रवार को नीमच जिला कलेक्टर एवं जावद तहसीलदार ने ऐतिहासिक निर्णय देते हुए उपरोक्त नीलामी प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए फैक्ट्री प्रबंधन को पहले 90 श्रमिकों को वेतन भुगतान करने के लिए कहा गया है। मामले की पैरवी विद्वान अभिभाषक श्रीलाल, बाबूलाल धाकड़, मिर्जा वकील साहब ने की। कामरेड शैलेंद्र सिंह, किशोर देवरिया, सुनील शर्मा, शोभाराम धाकड़ और निर्भय राम चौहान ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए इसे मजदूरों की ऐतिहासिक जीत बताया। साथ ही जावद तहसीलदार एवं जिला कलेक्टर की इस कार्रवाई की सराहना की। इस निर्णय से सीसीआई सीमेंट फैक्ट्री के मजदूरों और आम जनता में बहुत हर्ष है।