OMG ! सालों से सदस्यता, और कार्ड रेन्यु की बारी, भूलवश ट्रांसफर हुए ज्यादा रूपए, तो बदले संस्था अध्यक्ष के तेवर...! पहले वापस देने का झांसा, अब फोन उठाना बंद, मामला- नीमच का, परमजीत सिंह फौजी का बड़ा खुलासा, आम जनता से भी अपील, पढ़े ये खबर

सालों से सदस्यता, और कार्ड रेन्यु की बारी, भूलवश ट्रांसफर हुए ज्यादा रूपए, तो बदले संस्था अध्यक्ष के तेवर...! पहले वापस देने का झांसा, अब फोन उठाना बंद, मामला- नीमच का, परमजीत सिंह फौजी का बड़ा खुलासा, आम जनता से भी अपील, पढ़े ये खबर

OMG ! सालों से सदस्यता, और कार्ड रेन्यु की बारी, भूलवश ट्रांसफर हुए ज्यादा रूपए, तो बदले संस्था अध्यक्ष के तेवर...! पहले वापस देने का झांसा, अब फोन उठाना बंद, मामला- नीमच का, परमजीत सिंह फौजी का बड़ा खुलासा, आम जनता से भी अपील, पढ़े ये खबर

नीमच। देश और प्रदेश में ऐसी कई सामाजिक और निजी संस्थाएं है, जो पीड़ित व्यक्ति की सहायता के लिए हर संभव मदद और उसे न्याय दिलाने का प्रयास करती है, और संभवतः न्याय दिलाकर ही दम लेती है। इन्हीं संस्थाओं में एक नाम एचआरसी ऑफ इंडिया का भी शामिल है, लेकिन इसी संस्था से जुड़े एक सदस्य अब संस्था के वरिष्ठ पदाधिकारियों से परेशान होते नजर आ रहे है, और लगातार संपर्क करने के बाद भी उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं मिल पा रहा है। 

जानकारी देते हुए नीमच निवासी परमजीत सिंह फौजी ने बताया कि, वह 17 नवंबर 2015 से भारतीय मानवाधिकार परिषद के सदस्य है, और लगातार पीड़ितों की आवाज क्षेत्र में उठाते आ रहे है। उन्होंने अपने साथ संस्था की आवाज को बुलंद कर पुलिस और प्रशासन सहित परिवारिक समस्याओं से पीड़ित कई लोगों को न्याय दिलाया। संस्था के सदस्य के रूप में वह साल 17 नवम्बर 2015 से 15 अप्रैल 2023 तक लगातार कार्य करते आ रहे है, लेकिन अब उन्हें भी कहीं ना कहीं परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 

फौजी ने बताया कि, भारतीय मानवाधिकार परिषद में लगातार कार्य करने पर हर वर्ष संस्था के सदस्य का पहचान पत्र (आइडेंटिटी कार्ड) रिन्यु किया जाता है, जिसका सालाना शुल्क कुल 400 रूपये है, हर वर्ष शुल्क जमा कराते है, और कार्ड रिन्यु होकर करीब 20 से 30 दिनों में तय पते पर पहुंच जाता है। लेकिन इस वर्ष कार्ड रिन्यु कराने के चक्कर में वह स्वयं परेशान है। 

उन्होंने बताया कि, कार्ड को फिर से रिन्यु कराने के लिए उन्हें संस्था के अध्यक्ष हाजी शेख के मोबाइल नंबर- 95944-41315 पर 400 रूपये की राशि ऑनलाइन डालनी थी, लेकिन उनके द्वारा गलती से 400 की जगह 4000 की राशि फोन-पे के द्वारा डाल दी गई, जिसे लेकर उन्होंने संस्था अध्यक्ष हाजी शेख को जानकारी दी, और बाकी बचे 3600 रूपये फिर से अपने खाते में डालने की बात कहीं। 

अब इस बात को करीब एक माह बीत गया है, संस्था अध्यक्ष हाजी शेख उनसे कभी फोन-पे तो कभी गुगल-पे का नंबर लेते, तो कभी राशि को अकांउट में ट्रांसफर करने की बात कहते है, लेकिन महिना होने के बाद भी उन्होंने अब तक बाकी बची राशि 3600 रूपये परमजीत सिंह फौजी को ट्रांसफर नहीं की। 

जब परमजीत सिंह द्वारा संस्था अध्यक्ष के मोबाइल नंबर- 96999-99156 और 95944-41315 पर जब अपनी राशि लेने के लिए संपर्क किया गया, तो कभी हाजी शेख फोन उठाते थे, तो कभी उनकी पत्नी फिजा शेख से बात होती। लेकिन बीते कई दिनों से तो दोनों नंबरों पर फोन लगाने पर तो उन्होंने फोन तक उठाना बंद कर दिया। 

फौजी का कहना है कि, कई बार उनके द्वारा व्हाट्सएप्प पर भी मैसेज किए गए, और राशि पुनः उनके खाते में डालने का आग्रह और निवेदन किया गया, लेकिन अब तक राशि को संस्था अध्यक्ष द्वारा फिर से खाते में नहीं डाली गई

अब फौजी का कहना है कि, सालों तक उन्होंने जिस संस्था पर विश्वास किया, और एक सदस्य के रूम में लंबे समय तक कार्यरत रहे, आज उसी पर से उनका विश्वास उठ गया है, उन्होंने कहां, जब ये संस्था अपने सदस्यों को यानी मुझे ही नहीं छोड़ रही है, तो आम जनता को कहां से बख्शेगी, अब केवल और केवल रूपए कमाने का एक जरियां इन लोगों द्वारा बनाया जा चूका है, संस्था के नाम पर रूपए एठने का काम शुरू हो गया, फौजी ने कहां, कि आम जनता भी इनके बहकावे में ना आये, और ऐसी संस्था के साथ ऐसे लोगों से सावधान रहे, ताकि भविष्य में आप ऐसी किसी ठगी का शिकार ना हो 

जब हमारे द्वारा मामले की जानकारी लेने और बातचीत के लिए हाजी शेख के मोबाइल नंबर- 96999-99156 और 95944-41315 पर संपर्क करना चाहा, तो एक बार उनका फोन व्यस्त आया, फिर सामने से कोई जवाब नहीं आया, उसके बाद जब व्हाट्सएप्प कॉलिंग की गई, तो फोन रिसीव नहीं किया गया।