NEWS : रेबीज तथा स्नेक बाईट का विषय, नर्सिंग ऑफीसर की एक दिवसीय कौशल विकास कार्यशाला संपन्न, इन्होंने दिया व्याख्यान, पढ़े खबर

रेबीज तथा स्नेक बाईट का विषय

NEWS : रेबीज तथा स्नेक बाईट का विषय, नर्सिंग ऑफीसर की एक दिवसीय कौशल विकास कार्यशाला संपन्न, इन्होंने दिया व्याख्यान, पढ़े खबर

नीमच। वीरेंद्र कुमार सखलेचा मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविन्द घनघोरिया के स्वास्थ्य के क्षेत्र में अथक  प्रयास जारी, ज्ञात रहे सामुदायिक स्वास्थ्य विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रेनू वाघमारे द्वारा रेबीज तथा जिला चिकित्सालय के मेडिकल स्पेशलिस्ट डॉ. सतीश चौधरी द्वारा स्नेक बाइट विषय पर दिनांक- 26.11.2024 को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया। मेडिकल कॉलेज में भी सी.एम. ई के दौरान उक्त विषयो को प्राथमिकता के आधार पर उठाया है, पूर्व में मेडिकल कालेज में डॉ. निशांत गुप्ता द्वारा रेबीज पर व्याख्यान दिया था। 

इसी तारतम्य में सीएमएचओ डॉ. दिनेश प्रसाद के निर्देशन में 30 नर्सिंग ऑफिसर की एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई, कार्यक्रम मुख्य रूप से सिविल सर्जन कम सुप्रीटेंडेंट डॉ. महेंद्र पाटिल एवं डॉ. आदित्य एस बेरड़, मिथिलेश शर्मा के सहयोग से आयोजित किया। कार्यक्रम में डॉ. चेतन कुमार शर्मा, डॉ. निशांत गुप्ता एवम अन्य डॉक्टर्स एवम कर्मचारी वहां उपस्थित रहे। 

कार्यकर्ताओ को पहले तो साँपो की विभिन्न प्रजातियों के बारे में विस्तार से बताया और यह भी बताया कि 70 प्रतिशत सर्प जहरीले नही होते सिर्फ 30 प्रतिशत ही जहरीले ओर घातक होते है। जिनमे व्यक्ति को समय रहते उपचार की आवश्यकता पड़ती हैं। यदि समय रहते उपचार न मिले तो व्यक्ति की जान भी जा सकती है। उन्होंने तो दो प्रकार के सर्पदंश को घातक बताया जिसमे पहला है, न्यूरोटॉक्सिन दूसरा हेमोटोक्सिन इनकी पहचान तथा लक्षण ओर उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। 

डॉ. चौधरी द्वारा बताया गया कि कितनी मात्रा में एंटी स्नेक वेनम को लगाया जावे। तथा लक्षणों के आधार पर कब और कैसे उपचार दिया जावे। दुसरे सत्र में डॉ रेणु द्वारा रेबीज रोग क्या है। रेबीज वायरस के बारे में विस्तार से बताया कि यह कैसे प्रसारित होता है। इसके फैलने के क्या क्या कारण है। तथा यह किस प्रकार मानव शरीर मे प्रवेश करता हे और कितने दिनों में इसका प्रभाव होता है। साथ ही इससे बचाव और उपचार के क्या तरीके है। 

साथ ही साथ एनिमल बाईट की तीनों कैटेगोरियो को विस्तार से बताया तथा किस कैटेगोरी में क्या उपचार दिया जाना है के बारे में विस्तार से बताया साथ के कैटेगोरी तीन में रेबीज इममुनोग्लोबिन के क्या कार्य है तथा इनको कैसे मरीज को लगाया जाता है। इसके डोज ओर लगाने की विधि को बताया। साथ ही समाज मे फैली रोग संबंधी कुरीतियों से कैसे निपटा जाए के बारे में उपस्थित कार्यकर्ताओ को बताया। इस अवसर पर मिथिलेश शर्मा द्वारा कार्यक्रम के डेटा को कैसे मैनेज किया जाए। साथ ही एम आई एस के बारे में विस्तार से बताया।ये जानकारी मेडीकल कालेज के (जनसंपर्क अधिकारी) डॉ चेतन कुमार शर्मा एवं डॉ निशांत गुप्ता ने दी।